राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (governor bhagat singh koshyari) को सरकारी विमान से यात्रा करने की अनुमति नहीं देने पर महाराष्ट्र (maharashtra) में राजनीति गरमा गई है। इस मामले में अब BJP पूरी तरह से उद्धव सरकार पर हमलावर हो गई है। सरकार पर निशाना साधते हुए पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (devendra fadnavis) और BJP नेता ने कहा कि, सरकारी विमान किसी की निजी संपत्ति नहीं है। राज्यपाल महोदय को विमान से उतारना, महाविकास आघाड़ी (mahavikas aghadi) की सरकार में इतना अहंकार कहाँ से आया?
फडणवीस ने कहा, "यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। महाराष्ट्र में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। राज्यपाल एक व्यक्ति नहीं है, बल्कि एक पद है। व्यक्ति तो आते हैं और चले जाते हैं। लेकिन तथ्य यह है कि राज्यपाल राज्य के प्रमुख हैं। हमारे संविधान में कहा गया है कि, राज्यपाल मुख्यमंत्री और कैबिनेट की नियुक्ति करता है। नियम यह है कि, यदि गवर्नर सरकारी विमान का उपयोग करना चाहता है, तो उसे 'जीएडी' को एक पत्र भेजना होता है, उसके बाद ‘जीएडी’ उस संबंध में अनुमति देता है।"
सरकारी विमान ही कुणाची वैयक्तिक मालमत्ता नाही!
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) February 11, 2021
मा. राज्यपाल महोदयांना विमानातून खाली उतरवणं, इतका अहंकार महाविकास आघाडी सरकारमध्ये आला कुठून? pic.twitter.com/6lRovbYjRN
उन्होंने आगे कहा, "जब मैंने इस बारे में जानकारी ली तो मुझे पता चला कि, पूरा कार्यक्रम जीएडी को दिया गया था। मुख्य सचिव को इसकी जानकारी है। इस संबंध में फाइल मुख्यमंत्री के पास पहुंच गई है। लेकिन राज्यपाल ने के विमान में बैठने तक जानबूझकर अनुमति नहीं दी गई।इसलिए राज्यपाल को विमान से उतरना पड़ा।"
भड़कते हुए फडणवीस ने कहा, "मैंने ऐसी घमंडी सरकार कभी नहीं देखी। मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री का इस तरह से घमंडी होना बहुत गलत है। यह निजी संपत्ति नहीं बल्कि राज्य संपत्ति है, यह किसी व्यक्ति की संपत्ति नहीं है। मुझे नहीं लगता कि इससे राज्यपाल को नुकसान होगा, लेकिन इससे राज्य की छवि धूमिल होगी। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि, जनता इस बारे में सबक सिखाएगी।"
बता दें कि, राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ग्लेशियर फटने की हुई दुर्घटना का निरीक्षण करने के लिए उत्तराखंड जाने वाले थे। उन्हें यात्रा के लिए सरकारी विमान का उपयोग करना था। लेकिन जिस विमान से उन्हें उड़ान भरना था, उसे उड़ने की अनुमति राज्य सरकार ने नहीं दी। जिसके बाद राज्यपाल और उनके दल ने उत्तराखंड (uttrakhand flood) के लिए एक निजी विमान की सेवा ली और उत्तराखंड रवाना हुए।