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साल 2019 में इन मुद्दों ने खिंचा लोगों का ध्यान


साल 2019 में इन मुद्दों ने खिंचा लोगों का ध्यान
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साल 2020 आ रहा है यानी की नये साल की शुरुआत। नये साल के शुरुआत के साथ ही लोग नये साल के लिए अलग अलग तरह के रिजोल्युशन लेना शुरु कर देते है,लेकिन इसके साथ ही कई मुद्दे ऐसे भी होते है जिसके आंच नये और पुराने दोनों सालों के दौरान सुनाई देती है। कई मुद्दे ऐसे होते है जो साल खत्म होने के बाद भी नहीं ख्त्म होते और इनकी गुंज नये साल में भी सुनाई देती है। आईये डालते है नजर कुछ ऐसी ही खास मुद्दे पर जो बनी रही साल 2019 के कुछ खास मुद्दे पर



CAA- सीटीजन अमेंडमेंट एक्ट यानी की (CAA) को 11 दिसंबर को केंद्र सरकार ने लोकसभा में पास करवा दिया जिसके बाद राज्यसभा में भी इस बिल को काफी बहस के बाद पास करवा लिया गया। CAA पर कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन में रैली निकली तो वही कई जगहों पर समर्थन में भी रैली निकली। साल 2019 जाते जाते  CAA जैसे अहम मुद्दे पर अपनी छाप छोड़ता गया।  हालांकी अभी तक सरकार ने इस मुद्दे पर लोगों को समझाने के लिए कइ तरह के कदम उठाए है। सरकार ने अखबारो में विज्ञापन देकर CAA पर लोगों को प्रश्नों के जवाब भी दिये है।  



राम मंदिर – पिछलें 500 सालों से चल रहा राम मंदिर का विवाद भी इस साल हल हो गया। सुप्रीम कोर्ट ने कई सालों से चल रहे इस मामले में फैसला देते हुए कहा की विवादित जमीन पर राम मंदिर ही बनाया जाए और मस्जिद के लिए अयोध्या में ही किसी और जगह पर मस्जिद के लिए जमीन दी जाए। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई में इस स्थान को मुक्त करने एवं वहाँ एक नया मन्दिर बनाने के लिये एक लम्बा आन्दोलन चला। 6 दिसंबर 1992 को यह विवादित ढ़ांचा गिरा दिया गया और वहाँ श्री राम का एक अस्थायी मन्दिर निर्मित कर दिया गया। 



राफेल डील- लोकसभा चुनाव के पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राफेल विमान की खरिद को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए चौकीदार चोर है तक के नारे दिये । हालांकी लोकसभा चुनाव के बाद जब एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जीतकर आय़े तो सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई भी पूरी हो गई। सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील पर सरकार को क्लीन चीट दे दी जिसके बाद बीजेपी ने राहुल गांधी से मांफी मांगने की मांग शुरु कर दी।  



शिवसेना-बीजेपी का गठबंधन टूटना- देवेंद्र फडणवीस साल 2019 देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र के सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा। दरअसल अक्टूबर में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी उभरी लेकिन सत्ता की कुर्सी तक पहुंचने में कामयाब नहीं हो पाई।  विधानसभा चुनाव में बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन चुनाव बाद शिवसेना ने सरकार बनाने में आनाकानी करने लगी। दरअसल शिवसेना ने बीजेपी के साथ सरकार बनाने के लिए ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री की मांग की। बीजेपी ने शिवसेना की इस मांग को खारिज कर दिया। 

जिसके बाद से शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाई।  लगभग एक महीने के ड्रामे के बाद शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार बनाने में कामयाब हो गई। हालांकि इस एक महीने के बीच देवेंद्र फडणवीस ने दोबारा 80 घंटे के सीएम पद की शपथ ली थी लेकिन बहुत साबित ना कर पाने की वजह से उन्हें दोबारा इस्तीफा देना पड़ गया।



महाराष्ट्र में लगातार बारिश- महाराष्ट्र में किसानों की समस्या कोई नई समस्या नही है, लेकिन इस बार उनके सामने बारिश से जुड़ी एक और बड़ी समस्या थी। विधानसभा चुनाव के दौरान ही राज्य के कई हिस्सों मे बारिश हुई। किसानों की स्थिती इस बारिश के कारण और भी खराब हो गई जिसके कारण शिवसेना से लेकर बीजेपी और कांग्रेस लेकर एनसीपी , सभी पार्टियों ने किसानों के लिए राहत राशि की मांग करने लगे। बिन मौसम बारिश के कारण किसानों को भी काफी दिक्कतें आने लगी।

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