हिंदी की अनिवार्यता के खिलाफ मराठी लोगों के आंदोलन के कारण सरकार को अध्यादेश वापस लेना पड़ा। सभी मराठी लोगों ने 5 तारीख को मार्च का आह्वान किया था, लेकिन सरकार ने मार्च से डरकर मराठी लोगों को एकजुट होने से रोकने के लिए अध्यादेश को रद्द कर दिया। हालांकि, शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने घोषणा की कि 5 तारीख को जलोश मोर्चा होगा।
5 जुलाई को विजय मोर्चा
सांसद संजय राउत ने कहा था कि सरकार द्वारा अध्यादेश रद्द करने की घोषणा के बाद 5 तारीख को कोई मार्च नहीं होगा। हालांकि, उद्धव ठाकरे ने स्पष्ट किया कि जलोश मोर्चा या बैठक होगी। उन्होंने यह भी कहा कि सभी लोग बोलेंगे और दो दिनों में मार्च और बैठक का स्थान और समय घोषित करेंगे। उद्धव ठाकरे ने कहा, आज पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन हुआ।
अलग अलग जगहो पर जलाया गया सरकारी आदेश
विभिन्न स्थानों पर सरकार के जीआर को जलाया गया। मैंने मुंबई में पत्रकार संघ के सामने प्रांगण में विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। मुझे गर्व है कि मराठी लोगों की शक्ति के आगे सरकार की मजबूरी हार गई। संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन के दौरान भी ऐसी ही ताकत देखने को मिली थी। तब भी उनकी योजना विफल हुई थी और आज भी विफल है।