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video: धारा 370 और अनुच्छेद 35A की जानें सच्चाई

हालांकि इस प्रस्ताव का पीडीपी नेता और राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फ़ारूक़ और उमर अब्दुल्ला सभी एकजुट होकर इस हालात पर चिंता जता रहे हैं।

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केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू और कश्मीर से धारा 370 और अनुच्छेद 35A हटा दिया है. धारा 370 और 35A के हट जाने के बाद से कश्मीर को मिला विशेष राज्य का दर्जा अब समाप्त हो जाएगा. अब जम्मू-कश्मीर राज्य भी भारत के अन्य राज्यों के जैसा सामान्य राज्य की श्रेणी में आ गया है. गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जब इस बाबत प्रस्ताव रखा तो कांग्रेस सहित कुछ दलों ने ही इसका विरोध किया बाकी अन्य दल इस प्रस्ताव के पक्ष में थे.

धारा 370 के तहत कुछ विशेष अधिकार कश्मीर की जनता को मिले हुए हैं-
कश्मीर में पंचायत को अधिकार प्राप्त नहीं है।
कश्मीर में अल्पसंख्यकों (हिन्दू-सिख-बोद्ध) को 16% आरक्षण नहीं मिलता।
धारा 370 की वजह से कश्मीर में बाहरी लोग जमीन नहीं खरीद सकते हैं।
धारा 370 की वजह से ही कश्मीर में रहने वाले पाकिस्तानियों को भी भारतीय नागरिकता मिल जाती है।
धारा 370 की वजह से कश्मीर में आरटीआई (RTI), आरटीई(RTE) और सीएजी (CAG) जैसे कानून लागू नहीं होते है।
जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता होती है।
जम्मू-कश्मीर का राष्ट्रध्वज अलग होता है।
जम्मू - कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्षों का होता है जबकि भारत के अन्य राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल 5 वर्ष का ही होता है।
जम्मू-कश्मीर के अंदर भारत के राष्ट्रध्वज या राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान अपराध नहीं माना जाता है।
भारत के उच्चतम न्यायालय के आदेश जम्मू-कश्मीर के अन्दर मान्य नहीं होते हैं।
भारत की संसद को जम्मू-कश्मीर के सम्बन्ध में अत्यन्त सीमित क्षेत्र में कानून बना सकती है।
जम्मू-कश्मीर की कोई महिला यदि बाहरी व्यक्ति से विवाह कर ले तो उस महिला की नागरिकता समाप्त हो जायेगी। इसके विपरीत यदि वह पकिस्तान के किसी व्यक्ति से विवाह कर ले तो पाकिस्तानी व्यक्ति को भी जम्मू-कश्मीर की नागरिकता मिल जाती है।

अनुच्छेद 35A के क्या हैं मायने
35A से जम्मू-कश्मीर राज्य के लिए स्थायी नागरिकता के नियम और नागरिकों के अधिकार तय होते हैं
14 मई 1954 के पहले जो कश्मीर में बस गए थे वही स्थायी निवासी माना जाएगा
वह व्यक्ति जो जम्मू और कश्मीर का स्थायी निवासी नहीं है, राज्य में सम्पत्ति नहीं खरीद सकता।
वह व्यक्ति जो जम्मू और कश्मीर का स्थायी निवासी नहीं है, जम्मू और कश्मीर सरकार की नौकरियों के लिये आवेदन नहीं कर सकता।

हालांकि इस प्रस्ताव का पीडीपी नेता और राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फ़ारूक़ और उमर अब्दुल्ला सभी एकजुट होकर इस हालात पर चिंता जता रहे हैं। धारा 370 और अनुच्छेद 35A को जानने के लिए देखें विडियो-

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