मुंबई - वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट में किफायती घरों (अफोर्डबल हाउसिंग) को इन्फ्रास्ट्रक्चर का दर्जा देने की घोषणा की। रियल एस्टेट इंडस्ट्री इसकी लंबे समय से मांग कर रही थी। मोदी सरकार के इस कदम से डेवलपरों की प्रॉजेक्ट्स में लागत घट जाएगी। साथ ही, रियल एस्टेट सेक्टर में निवेशकों को भी आकर्षित किया जा सकेगा। इस योजना के तहत सरकार साल 2019 तक 1 करोड़ लोगों को घर मुहैया कराने का लक्ष्य निर्धारित कर रखी है। इसका लाभ मुंबईकरों को भी होता दिख रहा है।
सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना में क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना (सीएलएसएस) के अंतर्गत कर्ज की मियाद 15 साल से बढ़ाकर 20 साल किए जाने को आज मंजूरी दे दी।
2017-18 में मध्यम आय वर्ग के लिए 1,000 करोड़ रुपये के प्रावधान के साथ नई सीएलएसएस पेश की।
नए जॉब्स और बजट में किफायती घरों के लोए 3,96,135 करोड़ रुपए अलॉट किए गए हैं।
2019 तक 1 करोड़ लोगों को घर मुहैया कराने का लक्ष्य।
आईये देखते है इस बजट पर क्या कहना है मुंबईकरो का-