स्वास्थ मंत्रालय द्वारा किये गए एक ट्वीट में इस बात की जानकारी सामने आई है की हर 6 में से 1 भारतीय मानसिक रोग का शिकार है। मानसिक रोग के बारे में अक्सर लोग बात करने से बचते है जिससे ये अंदर ही अंदर फैलता जाता है और सही समय पर इसका इलाज ना होने पर ये और भी घातल साबित होता है। डिप्रेशन आज के दौर की एक ऐसी बीमारी है जिसे बड़े शहर और आधुनिक जीवन शैली से जोड़ के देखा जाता है। साल 2018 की WHO की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत दुनिया का सबसे डिप्रेस्ड देश है।
आयुष्मान भारत पखवाड़ा#SwasthaBharat #HealthForAll@PMOIndia @drharshvardhan @AshwinikChoubey @PIB_India @NITIAayog@AyushmanNHA @MIB_India pic.twitter.com/eKzBmor1Lh
— Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) September 23, 2019
बताने से हिचकते है लोग
आमतौर पर लोग मानसिक बीमारियों के बारे में बात करने से बचते है। लगभग 80 प्रतिशत लोग जिन्हें किसी तरह की मानसिक बीमारी का शिकार पाया जाता है, वो अपना इलाज ही नहीं कराते हैं। हमारे समाज में किसी भी मानसिक बीमारी को पागलपन के तौर पर देखा जाता है जिसकी वजह से रोगग्रस्त व्यक्ति न तो अपनी बिमारी के बारे में किसी से बात करता है और न ही वो किसी साइकोलॉजिस्ट या साइकेट्रिस्ट की मदद लेता है।मानसिक रोगियों को शारीरिक रोगियों के मुकाबले ज्यादा देखभाल और सहानुभूति की जरूरत होती है, लेकिन होता इसके उलट है।
क्या है लक्षण
यह लक्षण सभी में अलग हो सकते हैं। मिर्गी का सबसे प्रमुख लक्षण है जागरूकता और चेतना की कमी। शरीर की गति, संवेदनाएं और मूड आदि प्रभावित होना भी है। कुछ लोगों को विचित्र अनुभूतियां होती हैं, जैसे शरीर में झुनझुनाहट होना, उस गंध को सूंघना, जो वास्तव में वहां होती ही नहीं है, या भावनात्मक बदलाव। इसके अलावा चाल गड़बड़ा जाना, देखने, सुनने और स्वाद को पहचानने में गड़बड़ी, मूड खराब होना और बेहोशी जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं।
क्या करें
अगर आपको जरा भी लग रहा है की आप मानसिक तनाव में है तो तुरंत ही इसकी जानकारी अपने डॉक्टर को दे। इसके साथ ही जहां तक हो सके अपने अंदर के तनाव को लोगों के साथ बांटे।