सर्वोच्च न्यायालय ने 13 साल की एक लड़की को गर्भपात करने की इजाजत दे दी थी। लेकिन गर्भपात की इजाजत मिलने के बाद जब डॉक्टरो ने महिला के गर्भ की जांच की तो पाया की लड़की का गर्भपात किया तो बच्चे की जान जा सकती है, इसलिए 31 हफ्ते के गर्भ में पल रहे बच्चे को डॉक्टर ने डिलवरी करके बाहर निकाला।
इस 13 साल की लड़की के साथ उसके पास में ही रहनेवाले फैय्याज अहमद नाम के शख्स ने बार बार लैगिंक अत्याचार किया। जब लड़की का वजन बढ़ने लगा तो पहली नजर में लोगों को लगा की उसे थायरॉईड की शिकायत हो सकती है, लेकिन जांच के बाद डॉक्टर ने डॉ. निखिल दातार ने बताया की वो गर्भ से है। जिसके बाद लड़की के माता पिता ने आरोपी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपी को उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार कर लिया।
डॉ. निखिल दातार ने लड़की को गर्भपात की इजाजत मिले इसके लिए आगे की कानूनी कार्रवाई शुरु की। आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने 31 हफ्ते की इस गर्भवती लड़की को गर्भपात की इजाजत दे दी।
जे जे अस्पताल के स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक आनंद का कहना है की 12 हफ्ते में बच्चे के शरीर का आकार तैयार हो जाता है। डॉक्टरो ने जब सुप्रीम कोर्ट के बाद लड़की के गर्भ की जांच की तो पाया की गर्भपात करने से मां और बच्चे दोनों की जान को खतरा हो सकता है , जिसके बाद डॉक्टरों ने सिजेरियन ऑपरेशन से बच्चे की डिलवरी की।
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