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इन जज महोदय ने कुछ ऐसा काम किया, जिसे सुनकर आप भी कहेंगे....

बॉम्बे हाईकोर्ट के 156 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था जब की माननीय जज महोदय लगातार 16 घंटों तक काम किया हो। बॉम्बे हाईकोर्ट के जज जस्टिस शाहरुख जे कथावाला ने ऐसा किया।

इन जज महोदय ने कुछ ऐसा काम किया, जिसे सुनकर आप भी कहेंगे....
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शुक्रवार को बॉम्बे हाईकोर्ट के कोर्ट रूम नंबर 20 का नजारा सामान्य दिनों की अपेक्षा कुछ अजीब था।जब हाईकोर्ट के बंद होने के बाद भी कोर्ट नंबर 20 खुला था। शाम हो गयी, शाम के बाद रात हो गयी, यही नहीं रात के बाद फिर सुबह के 3:30 बज गए इसके बाद भी कोर्ट का काम लगातार चलता था। और इसी के साथ बॉम्बे हाईकोर्ट के 156 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था जब की माननीय जज महोदय लगातार 16 घंटों तक काम किया हो। बॉम्बे हाईकोर्ट के जज जस्टिस शाहरुख जे कथावाला ने ऐसा किया।


ऐसा क्यों किया जज महोदय ने?
दरअसल गर्मी की छुटि्टयों के कारण हाईकोर्ट 3 जून तक बंद रहेगा। इसीलिए जस्टिस कथावला अधिक से अधिक केसों को निपटारा करना चाहते थे। इसके चलते उनके कोर्ट में शनिवार सुबह 3:30 बजे तक काम चलता रहा। लगातार सुनवाई के दौरान जस्टिस कथावाला ने मात्र 20 मिनट का ही ब्रेक लिया। इस दौरान कोर्ट ने सीनियर वकीलों और याचिकाकर्ताओं की भीड़ भी लगी रही।


पिछले एक हफ्ते से कर रहे हैं आधी रात तक काम
आपको बता दें कि जस्टिस कथावाला आर्बिट्रेशन, इंटलेक्चुअल प्रोपर्टी राइट्स और कमर्शियल मामलों की सुनवाई करते हैं. यही नहीं इनके कोर्ट में पिछले एक हफ्ते से आधी-आधी रात तक काम चल रहा था।

की 160 मामलों की सुनवाई 
मौके पर उपस्थित एक चश्मदीद ने बताया कि शुक्रवार को उनकी अदालत में सुबह सामान्य समय में सुनवाई का क्रम शुरू हुआ, जोकि शनिवार अल सुबह 3:30 बजे तक चलता रहा। इस पूरे समय में उन्‍होंने करीब 160 मामलों की सुनवाई की। इनमें 70 केस अनिवार्य थे।

सुबह तक भी ऊर्जा से भरपूर
अंतिम याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि जस्टिस कथावाला सुबह साढ़े 3 बजे भी उतने ही फुर्तीले दिख रहे थे जैसा कि सुबह कार्यालय आने पर कोई लगता है। मेरा मामला सबसे अंत में सुने जाने वाले मामलों में शामिल था। तब भी न्यायाधीश ने बेहद धैर्यपूर्वक हमारी बात सुनी और आदेश पारित किया।

आलोचना भी हुई

इस काम के लिए जस्टिस कथावाला की आलोचना भी हुई. एक मीडिया रिपोर्ट के हवाले से लिखा गया कि नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज ने कहा, "कई ऐसे भी जज हैं जिन्होंने शाम 5 बजे तक काम करके ही अधिक से अधिक मामलों का निपटारा कर दिया है. यदि कोई जज इतनी रात तक बैठकर काम करता है तो इससे उनके स्टाफ को काफी परेशानी होती है.  

 

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