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46वां नौसेना दिवस आज, 46 साल पहले पाकिस्तान को चटाई थी धूल

आज ही के दिन ठिक ४६ साल पहले यानी की १९७१ में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में भारतीय नौसेना ने 4 से 5 दिसंबर के बीच पाकिस्तान को ऑपरेशन ट्राइडेंट से धमाकेदार झटका दिया था।

46वां नौसेना दिवस आज, 46 साल पहले पाकिस्तान को चटाई थी धूल
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नौसेना आज ४६वां नौसेना दिवस मना रही है। इस मौके पर मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया को रौशनी से सराबोर कर दिया गया। नेवी के बैंड ने सूबह से ही यहा अपनी धूनों का जादू बिखेरना शुरु दिया। आज ही के दिन  ठिक ४६ साल पहले यानी की १९७१ में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में भारपतीय नौसेना ने 4 से 5 दिसंबर के बीच पाकिस्तान को ऑपरेशन ट्राइडेंट से धमाकेदार झटका दिया जो पाकिस्तान आज भी नहीं भूल पाया है। भारत की इसी जीत को मनाने के लिए तब से हर साल इस दिन को नौसेना दिवस के रुप में मनाया जाता है।  

इस युद्दध के बाद एक तरह से बांग्लादेश के एक  आधिकारिक देश बनने का सपना सच हुआ।   16 दिसम्बर स१९७१ को बांग्लादेश बना था। भारत की पाकिस्तान पर इस ऐतिहासिक जीत को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। पाकिस्तान पर यह जीत कई मायनों में ऐतिहासिक थी। भारत ने ९३ हजार पाकिस्तानी सैनिकों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था।


नैौसेना का दम  

  • वर्तमान में  भारतीय नौसेना में करीब 60 हजार एक्टिव नौसेनिक और अधिकारी हैं।
  • भारतीय नौसेना विश्व की पांचवी सबसे बड़ी नौसेना मानी जाती है।
  • वाइस एडमिरल रामदास कटारी 1958 में नौसेना की कमान संभालने वाले पहले भारतीय अधिकारी बने. उनसे पहले रहे सभी अधिकारी ब्रिटिश थे
  • 1961 में भारतीय नौसेना ने पहला आजाद मिशन किया गोवा में पुर्तगाली सेना के खिलाफ. ये मिशन गोवा की आजादी के लिए किया गया था जिसे ऑपरेशन विजय कहा जाता है
  • INS विक्रांत भारत में निर्मित पहला एयरक्राफ्ट कैरियर है जिसे 2018 तक कमीशन कर दिया जाएगा.
  • मार्च 2009 में मुंबई हमले को देखते हुए सागर प्रहरी बल नाम से विशेष टुकड़ी बनाई गई जो खासतौर से भारतीय तटों की देखरेख करती है.
  • भारतीय नौसेना के झंडे में जो लाल क्रॉस आपको दिखता है वो सेंट जॉर्ज क्रॉस है जो कि अंग्रेजी झंडे यूनियन जैक का हिस्सा हुआ करता है.
  • भारतीय नौसेना दुनिया की पहली नौसेना है जिसके अधिकारी नॉर्थ पोल, साउथ पोल और माउंट एवरेस्ट तक की चढ़ाई कर चुके हैं।

नौसेना इस दिन अपने बैंड के साथ अपना शक्ति प्रदर्शन भी करती है।  साथ ही इस युद्ध  में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजली भी दी जाती है।  

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