अगर आप पुरुष हैं तो आपको मालुम होना चाहिए कि हर साल 19 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जाता है, लेकिन कई लोगों को यह मालूम ही नहीं है। तो आज है 19 नवंबर, यानी अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस। इसकी शुरुआत 1999 में त्रिनिदाद एवं टोबागो से हुई, तब से हर साल 19 नवंबर को ”अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस” मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी इसे मान्यता दे दी है। इसे दुनिया के लगभग 30 से भी अधिक देशो में मनाया जाताा है। अब इसका प्रचार-प्रसार भारत में भी बढ़ रहा है। इस दिवस का मुख्य उद्देश्य पुरुषों और लड़कों के स्वास्थ्य, लैंगिक समानता को बढ़ाना है।
On this #InternationalMensDay Let's take some time to appreciate the men who sweat,fight and work against all odds and challenges they face in society for their loved ones.
Appreciate the guys in your life using #MyManMyHero
pic.twitter.com/oBJZZWDZH3
— Vijender Singh (@boxervijender) November 19, 2017 ">
On this #InternationalMensDay Let's take some time to appreciate the men who sweat,fight and work against all odds and challenges they face in society for their loved ones.
— Vijender Singh (@boxervijender) November 19, 2017
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अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस जरूरी क्यों?
अक्सर लोग ऐसा सोचते हैं कि मात्र महिलाएं ही हर मामले में पीड़ित होती हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। कई मामलों में पुरुष की हालत इतनी बदतर हो जाती है कि वह आत्महत्या जैसा कदम भी उठा लेता है। संविधान की कुछ धाराएँ पुरुषों को तो सीधे-सीधे दोषी ही ठहरा देती हैं! इसीलिए इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता है कि पुरुषों का भी उत्पीड़न होता है, मेंटली भी, फिजीकली भी और सैक्सुअली भी। कुछ तथ्य है इन पर गौर करें।
Wishing a very Happy #InternationalMensDay to everyone☺ pic.twitter.com/3Ddi2XKy6v
— IamTintin (@hassnainkhan017) November 19, 2017 ">
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एक कविता पुरुषों के लिए...
नोट: विशेषकर कविताएं सुन्दर महिलाओं या लड़कियों की तारीफ में लिखी जाती हैं, पुरुषों के लिए कोई नहीं लिखता स्वयं पुरुष भी नहीं। यह कविता "पत्नी पीड़ित संघ" की फेसबुक वाल पर प्रकाश केशरवानी ने डाली है। मूल किसका है पता नहीं, पर यह कविता गौर करने लायक तो है ही।
पुरुषों का श्रृंगार स्वयं प्रकृति ने किया है
स्त्री तो मात्र कांच का टुकड़ा है
जो मेकअप में ही चमकता है
पुरुष तो हीरा है, ऐसा हीरा
जो अँधेरे में भी चमकता है
उसे मेकअप की जरूरत नहीं
खूबसूरत मोर होता है, मोरनी नहीं
मोर रंग-बिरंगा, हरे-नीले रंग से सुशोभित
जबकि मोरनी तो काली सफ़ेद होती है
मोर के पंख होते है इसलिए उसे मोरपंख कहते हैं
मोरनी के पंख नहीं होते
दांत हाथी के होते हैं, हथिनी के नहीं
और हाथी के दांत बेशकीमती होते हैं
हाथी, हथिनी से इसलिए खूबसूरत होता है
कस्तूरी हिरन में होती है, हिरणी में नहीं
इसलिए हिरन, हिरणी से सुन्दर होता है
मणि नागिन नहीं, नाग के पास होती है
नागिन इसलिए ऐसे नागों की दीवानी होती है
रत्न महासागर में होते हैं, नदियो में नहीं
और अंत में नदियों को उसी में गिरना होता है
इसी भांति बुद्धि-बल पुरुषों में होता है, औरतों में नहीं
प्रकृति ने पुरुषों को ही ये बेशकीमती तत्व सौंपे
क्योंकि वही इसके लायक और इसका हक़दार था
प्रकृति ने पुरुषों के साथ अन्याय नहीं किया
9 महीने स्त्री के गर्भ में रहने के बावजूद
औलाद का पिता की तरह होना इसीलिए है
क्योंकि पुरुषों का श्रृंगार प्रकृति ने करके भेजा है
और उसे श्रृंगार की कोई आवश्यकता नहीं
(इसे पीड़ित पुरुष पढ़कर आनंदित हो सकते हैं)
Let's cheerlead the fathers, brothers, husbands and sons in our lives for their valuable contribution to family and community ! Celebrating men & boys in every diversity #InternationalMensDay pic.twitter.com/533nnWLi5X
— Union Bank of India (@UnionBankTweets) November 19, 2017 ">
Let's cheerlead the fathers, brothers, husbands and sons in our lives for their valuable contribution to family and community ! Celebrating men & boys in every diversity #InternationalMensDay pic.twitter.com/533nnWLi5X
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