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जैन मुनि तरुण सागर जी महाराज का निधन


जैन मुनि तरुण सागर जी महाराज का निधन
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जैन मुनि और राष्ट्र संत तरुण सागर जी महाराज का शुक्रवार की रात निधन हो गया।  शुक्रवार की रात दिल्ली में 3 बजकर 11 मिनट पर उन्होंने आखिरी सांस ली। दरअसल, 20 दिन पहले उन्हें पीलिया हुआ था, जिसके बाद उन्हें मैक्स अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया।जैन मुनि ने इलाज कराने से इन्कार कर दिया और कृष्णा नगर (दिल्ली) स्थित राधापुरी जैन मंदिर चातुर्मास स्थल पर जाने का निर्णय लिया।


 तरुण सागर जी अपने कड़वे प्रवचनों के लिए प्रसिद्ध हैं। इसी वजह से उन्हें क्रांतिकारी संत भी कहा जाता था। वहीं, कड़वे प्रवचन नामक उनकी पुस्तक काफी प्रचलित है। समाज के विभिन्न वर्गों को एकजुट करने में उन्होंने काफी प्रयास किए हैं। तरुण सागर जी को मध्यप्रदेश सरकार ने 6 फरवरी 2002 को राजकीय अतिथि का दर्जा दिया था।


तरुण सागर जी महाराज का मूल नाम पवन कुमार जैन है। उनका जन्म दमोह (मध्यप्रदेश) के गांव गुहजी में 26 जून, 1967 को हुआ। मुनिश्री ने 8 मार्च 1981 को घर छोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने छत्तीसगढ़ में दीक्षा ली।

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