आपने गरबे के दौरान आवाज के होनेवाली समस्याओं को दूर करने के लिए हेडफोन का इस्तेमाल तो शुरु होगा , लेकिन क्या कभी आपने सुना है की सत्संग के लिए हेडफोन का इस्तेमाल किया जाए? शहर में 40 दिन से चल रहे अमृतबेला चलिया कार्यक्रम में सत्संग के दौरान नया तरीका अपनाया गया है। यहां हेडफोन के जरिए लोगों को सत्संग सुनाया जा रहा है, ताकि आस-पास रहने वाले लोग माइक की आवाज से परेशान न हों।
ब्लूटूथ हेडफोन का इस्तेमाल
इस सत्संग का आयोजन अमृतबेला ट्रस्ट की ओर से किया गया है। मुंबई से सटे उल्हासनगर में इस सत्संग का आयोजन किया गया है। सुबह-शाम होने वाले प्रवचन की आवाज से दिक्कत होने पर कई लोगों ने इसके खिलाफ आवाज उठाई थी, जिसके बाद ट्रस्ट ने फैसला किया कि प्रवचन ब्लूटूथ हेडफोन के जरिए सुनाए जाएंगे।
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