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इन प्रोडकास्ट का सुनने के बाद महसुस करेंगे जीवन मे ठहराव

प्रोडकास्ट एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहा अलग अलग कहानीकार अपनी कहानियों को रिकॉर्ड कर प्रोडकास्ट पर डालते है।

इन प्रोडकास्ट का सुनने के बाद महसुस करेंगे जीवन मे ठहराव
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दादी नानी की कहानियां सुनते सुनते जाने कितने बार हम उन्ही की गोद में सो गए। रात को जब कभी नींद नहीं आती तो हम मां को बोलते की मां एक कहानी सुना दे, मां कहानी सुनाना शुरु कर देती, कहानी सुनते सुनते कब हमे नींद आ जाती हमे पता भी नहीं चलता। आधुनिकता के इस दौर में जहा एक ओर पत्र और चिठ्ठी की जगह ईमेल और वाट्सऐप ने ले लिया तो वही दूसरी ओर अब दादी, नानी और मां की कहानियों की जगह अब प्रोडकास्ट ने ले ली है।  

भारत में इन दिनो प्रोडकास्ट सुननेवालो  की संख्या दिन बा दिन बढ़ती जा रही है। डिजिटल के इस जमाने में जहां एक ओर लोग ट्विटर , फेसबुक , इंस्टाग्राम का लगातार इस्तेमाल कर रहे है तो वही दूसरी ओर कहानियां सुनने के लिए प्रोडकास्ट  का भी इस्तेमाल कर रहे है। प्रोडकास्ट एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहा अलग अलग कहानीकार अपनी कहानियों को रिकॉर्ड कर प्रोडकास्ट पर डालते है। 

प्रोडकास्ट  पर आपको ड्रामा, पूराण, डरावनी कहानियां, नानी की कहानियां जैसी कई कहानियां आपको सुनने को मिलते है।  आज हम आपको कुछ ऐसी ही प्रोडकास्ट के बारे में बताने जा रहे है जिससे सुनने के बाद आपको एक ठहराव सा महसुस होगा। 

निलेश मिश्रा - नीलेश मिसरा  एक भारतीय पत्रकार ,लेखक ,पटकथा लेखक ,बॉलीवुड गीतकार तथा फोटोग्राफर है । यह मुख्य रूप से अपने रेडियो कार्यक्रम "यादों का इडियट बॉक्स विद नीलेश मिसरा" जो बिग एफ एम पर आता था ' इनके अलावा ये भारतीय क्षेत्रीय समाचार पत्र गांव कनेक्शन के सह-संस्थापक भी है ' इन्होंने एक कंटेंट क्रिएशन कंपनी की भी स्थापना की है जो कंटेंट प्रोजेक्ट के नाम लिए जानी जाती है '।

देवदत्त पटनायक-  देवदत्त पटनायक एक भारतीय लेखक हैं। इसके साथ ही वे पौराणिक कथाकार (माइथोलॉजिस्ट), नेतृत्व सलाहकार, लेखक और संचारक भी हैं। इनका काम धर्म,पुराण,मिथक, इतिहास और मुख्य रूप से प्रबंधन के क्षेत्रों पर केंद्रित है।

प्रेमचंद  उनकी रचनाएँ हिंदी में अमुल्य  हैं,  उनकी रचनाओं में ज्यादातर ग्रामीण भारतीय समस्याएं हैं और उन्होंने इन कहानियों को सम्मोहक तरीके से चित्रित किया है।

खुशवंत सिंह  - खुशवंत सिंह  को अपने बेबाक कहानियों और बातों के लिए जाना जाता था।  पाकिस्तान, औरत, वासना, प्यार सहीत उन्होने कई विषयों पर लिखा है

आर के नारायण: आपको बस 'स्वामी एंड फ्रेंड' और 'मालगुडी डेज' पढ़ने की जरूरत है।

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