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बेस्ट की मिनी बसों ने बढ़ाई बेस्ट की कमाई

बेस्ट ने अपने बेड़े में मिनी बस शामिल किया है और न्यूनतम किराया 5 रुपये से लेकर 6 रुपए किया ही तब से ही बेस्ट के यात्रियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।

बेस्ट की मिनी बसों ने बढ़ाई बेस्ट की कमाई
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आर्थिक तंगी से जूझ रही बेस्ट के लिए अब ख़ुशी की खबर है। जब से बेस्ट ने अपने बेड़े में मिनी बस शामिल किया है और न्यूनतम किराया 5 रुपये से लेकर 6 रुपए किया ही तब से ही बेस्ट के यात्रियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। अब यह वृद्धि प्रतिदिन 13 लाख यात्रियों तक पहुंच गयी है।  

बेस्ट ने पिछले साल 9 जुलाई को यात्री किराए में भारी कमी कमी करते हुए टिकट के दाम लगभग 50 फीसदी तक कम कर दिए थे। साथ ही बेस्ट के बेड़े में मिनी बसें भी शामिल किया था जिसमें एसी बसें भी शामिल थीं। यही नहीं बेस्ट ने कई रूटों पर मिनी बस उतारते हुए उसकी फ्रिक्वेंसी में भी वृद्धि की। इसके बाद से ही यात्रियों की संख्या में वृद्धि होने लगी। आंकड़े के मुताबिक़ पिछले 7 महीने में 13.77 लाख यात्रियों ने हर दिन बेस्ट से यात्रा की।

इस समय बेस्ट ने किराये में 5 कि.मी तक की यात्रा के लिए 5 रुपये और एसी बस में 6 रुपए किराया लागू किया है। किराया कटौती में करने से पहले प्रतिदिन बेस्ट से 19.23 लाख यात्री यात्रा करे थे, जबकि किराये में कमी करने के बाद जनवरी 2020 तक यह संख्या पहुंच कर 29.5 लाख हो गयी। 

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फरवरी महीने में पॉइंट तू पॉइंट सेवा में भी वृद्धि देखने को मिली। फरवरी में औसतन हर दिन 33 लाख यात्रियों ने बेस्ट से यात्रा की। बांद्रा, सांताक्रुज, देवनार, शिवाजी नगर, घाटकोपर, मुलुंड डिपो से छूटने वाली बसें यात्रियों से खचाखच भरी ही नजर आती हैं।

यात्रियों को आकर्षित करने के लिए और गर्मी में भी ठंडी और सुखद यात्रा के लिए एसी मिनी बस चलाई जा रही हैं। यह बसें पॉइंट टू पॉइंट चलती हैं, यानी पहले और अंतिम स्टॉप के बीच में कहीं नहीं रुकती।  इससे भी यात्रियों की संख्या में वृद्धि हुई है। 

बिना कंडक्टर के चलने वाली इन मिनी बसों की यात्रियों में पहले महीने 35 हजार यात्रियों की वृद्धि हुई, उसके कुछ महीने बाद यह वृद्धि लाख तक पहुंच गयीं। करीब 86 रूटों पर बिना कंडकटर वाली ये मिनी बसें चलाई जा रही हैं। जिसमें 41 रुट पर बेस्ट की 224 सामान्य बसें और 45 रूटो पर किराये पर ली हुईं 325 बसें चलाईं जा रहीं है।

वैसे एक बात यह भी बता दें कि बिना कंडक्टर के चलाई जा रहीं इन बसों को लेकर बेस्ट कर्मचारी संगठनों ने विरोध भी जताया है।

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