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लोकल रेलवे स्टेशनों पर लगेंगे मेट्रो स्टेशन की तरह स्वचलित खुलने वाले गेट

कोरोना को देखते हुए अब रेलवे की तरफ से भीड़ को कम करने का निर्णय लिया जा रहा है। साथ ही यात्रियों को अनुशासित करने के लिए, रेलवे ने मेट्रो रेलवे स्टेशन की तरह ही ऑटोमैटिक दरवाजे (फ्लैप गेट) लगाने का निर्णय लिया है।

लोकल रेलवे स्टेशनों पर लगेंगे मेट्रो स्टेशन की तरह स्वचलित खुलने वाले गेट
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कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण को देखते हुए लोकल ट्रेनों (local train) में आम लोगों को यात्रा करने की मंजूरी अभी नहीं दी गई है। बावजूद इसके लोकल ट्रेंनों में भारी भीड़ हो रही है। जिससे कोरोना (Covid19) फैलने का डर लगातार बना हुआ है। कोरोना को देखते हुए अब रेलवे की तरफ से भीड़ को कम करने का निर्णय लिया जा रहा है। साथ ही यात्रियों को अनुशासित करने के लिए, रेलवे ने मेट्रो रेलवे स्टेशन की तरह ही ऑटोमैटिक दरवाजे (फ्लैप गेट) लगाने का निर्णय लिया है। इस औटमैटिक दरवाजे का निर्माण प्रायोगिक आधार पर CSMT स्टेशनों पर करने का निर्णय लिया गया है।

मुंबई मेट्रो स्टेशनों (mumbai metro station) में स्वचालित प्रवेश द्वार बनाये गए हैं। इस प्रवेश द्वार को खोलने के लिए यात्रियों को प्लास्टिक से बना एक क्वाइन दिया जाता है, जिसे गेट के अंदर डालने से गेट खुल जाता है।

इसलिए अब मध्य रेलवे ने CSMT स्टेशन पर इसी तरह के गेट लगाने का निर्णय लिया है। इन गेटों को मेल-एक्सप्रेस स्टेशन के प्रवेश द्वार पर लगाया जाएगा। हालांकि, इस स्वचालित प्रवेश द्वार को अक्टूबर 2020 में स्थापित किया गया था। इसमें QR कोड स्कैनर और थर्मल स्कैनिंग भी शामिल है।

यात्रियों को स्टेशन के अंदर जाने के लिए प्रवेश द्वार पर क्यूआर कोड स्कैनर (qr code scanner) के सामने क्यूआर कोड के साथ टिकट दिखाना होता है। टिकट विवरण और तापमान की जांच के बाद ही यात्रियों को प्रवेश दिया जाता है। CSMT टर्मिनस पर प्रयोग के बाद मध्य रेलवे CSMT के उपनगरीय रेलवे स्टेशनों पर भी इन गेटों को लगाने का निर्णय लिया है।

हालांकि जो गेट लगे हैं वे स्टेशन वेे कुछ तकनीकी समस्याएं पैदा कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, प्रवेश द्वार को खोलने और बंद करने में कुछ समय लग रहा है। यह जांच की जा रही है कि क्या इन समस्याओं को दूर किया जा सकता है और क्या उपनगरीय मार्ग पर यह प्रयोग सफल होगा?  लोकल रेलवे स्टेशनों से यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या काफी अधिक है, इसलिए रेलवे इस प्रयोग पर सतर्क रुख अपना रहा है।

सूत्रों के मुताबिक यह प्रयोग जनवरी के बाद से शुरू होगा। उपनगरीय रेलवे यात्रियों को स्थानीय यात्रा टिकट और पास पर भी क्यूआर कोड दिए जाएंगे। इसके पीछे की मंशा यह है कि, प्रवेश द्वार से बाहर निकलने या प्रवेश करते समय टिकट पर क्यूआर कोड का उपयोग प्रवेश द्वार पर करना अनिवार्य होगा।

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