बेस्ट की संयुक्त कामगार समिति ने बेस्ट की बसों में कांट्रेक्ट बेसिस पर कंडक्टरों की नियुक्त किए जाने के निर्णय का विरोध कर रही है। यही नही कांट्रेक्ट बेसिस पर ड्राइवरों की नियुक्ति करने को लेकर भी समिति ने अपना विरोध दर्ज कराया है। समिति ने चेतावनी दी है कि बेस्ट के किसी भी डिपो में और किसी भी बस में कांट्रेक्ट बेसिस पर आए कंडक्टरों और ड्राइवरों को प्रवेश करने नहीं दिया जाएगा।
इस समय बेस्ट की ऐसे कई बसें चल रही हैं जिन्हें किराए पर लिया गया है। किराए पर ली गयीं बसों के ड्राइवरों की नियुक्ति भी प्राइवेट कंपनियों द्वारा की गयी है, लेकिन अब जो खुद बेस्ट की बसें हैं उन पर भी कांट्रेक्ट बेसिस कंडक्टरों की नियुक्ति करने के निर्णय से बेस्ट कर्मचारी नाराज हो गये हैं।
बेस्ट की संयुक्त कृति समिति ने सोमवार को अपनी विविध मांगों को लेकर कोतवाल गार्डन से लेकर वडाला डिपो तक एक लॉन्ग मार्च निकाला। इस लॉन्ग मार्च में कई कर्मचारियों ने हिस्सा लिया था। इनकी मांग थी कि,
बेस्ट की संयुक्त कमिटी के नेता शशांक राव का कहना है कि, बेस्ट का निजीकरण किया जा रहा है। इसीलिए बेस्ट अपनी बसों में भी कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर कर्मचारियों की भर्ती करने जा रही है। पिछले साल 29 दिसंबर को टेंडर निकाला गया था। यह दो दिनों में खुलने वाला है, जिसमें कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर 400 लोगों को नियुक्त किया जाएगा। हम इसका विरोध करेंगे और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सामने अपनी बात पहुंचाएंगे।
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