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सबसे अमीर मुंबई रेलवे डिवीजन का हाल है बेहाल, लोकल ट्रेन चलाने के लिए नहीं हैं मोटरमैन

रेलवे डिवीजन मुंबई इस समय मोटरमैंन की भारी कमी से जूझ रही है।

सबसे अमीर मुंबई रेलवे डिवीजन का हाल है बेहाल, लोकल ट्रेन चलाने के लिए नहीं हैं मोटरमैन
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भारत के सबसे बड़े मंत्रालय में से एक रेलवे मंत्रालय भी आता है, यही नहीं मुंबई जैसे शहर से रेलवे सबसे अधिक कमाई भी करती है। बावजूद इसके मुंबई के मध्य रेलवे में चलने वाली कई लोकल ट्रेने मात्र इसीलिए कैंसल हो रही हैं क्योंकि उन्हें चलाने के लिए मोटरमैन नहीं हैं। और जो हैं भी वे ओवर टाइम करने से इनकार कर दे रहे हैं। इसका मतलब रेलवे मुंबई डिवीजन मोटरमैंन की भारी कमी से जूझ रहा है।

20 फीसदी जगह रिक्त 
मध्य रेलवे में पिछले 4-5 दिनों से मोटरमैंन की कमी के कारण लगभग 44 ट्रेनें रद्द की गयी हैं। यह पिछले एक हफ्ते से हो रहा है। एक आंकड़े के मुताबिक मध्य रेलवे को बढ़ती भीड़ के दबाव को कम करने के लिए 898 मोटरमैन की आवश्यकता है लेकिन इस समय कुल 690 ही मोटरमैन हैं। मध्य रेलवे में इस समय मोटरमैन के 20 फीसदी जगह रिक्त पड़े हैं जिन्हे भरने की मांग लंबे समय से की जा रही है, लेकिन रेलवे के अधिकारी कानों में रुई डाल कर बैठे हैं।

मोटरमैन नहीं कर रहे ओवरटाइम 
पिछले कुछ समय से इन मोटरमैनों से ओवर टाइम करा कर रेलवे अपना काम चला थी, लेकिन अब मोटरमैन द्वारा ओवरटाइम करने से इनकार कर देने पर अब मध्य रेलवे के लिए मुसीबत खड़ी हो गयी है जिसका असर यात्रियों पर भी पड़ रहा है। 

44 ट्रेनें हुई रद्द 
आपको बता दें कि 25 मई को 10, 26 मई को 2, 27 मई को 10, 28 मई को 5 और 29 मई को 3 ट्रेने मध्य रेलवे ने कैंसिल किया। यही नहीं हार्बर लाइन में भी 14 ट्रेनें कैंसिल की गयीं हैं। अगर रेलवे का यही हाल रहा तो किसी दिन यात्री गुस्से में पटरी पर उतर सकते हैं। एक तरफ सरकार बुलेट चला रही है तो दूसरी तरफ मुंबई के यातायात का जो आधार है उसकी तरफ ध्यान नहीं दे रही है।

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