कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण राज्य में लॉकडाउन (lockdown) घोषित किया गया है, जिसके तहत पहले लोकल ट्रेनों (local train) की सेवाओं को भी रोक दिया गया था।
लेकिन 'मिशन बिगिन अगेन' (mission begin again) के तहत इमरजेंसी सेवा में लगे लोगों के लिए लोकल सेवा (local train service) फिर से शुरू की गई। शुरू में केवल आवश्यक कर्मियों के लिए शुरू की गई लोकल ट्रेनों में अब अन्य क्षेत्रों में काम करने वालों को भी यात्रा की मंजूरी दी गयी है। लेकिन अभी भी आम लोगों को इस सुविधा से वंचित रखा गया है। अभी हाल ही में दिव्यांगों (divyang) को भी लोकल सेवा का लाभ उठाने की छूट दी गई थी, लेकिन अभी भी दिव्यांग इस सेवा का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।
बताया जा रहा है कि दिव्यांगों को अनुमति मिलने के बाद भी उन्हें यात्रा करने से रोका जा रहा है।जिससे, रेलवे कर्मचारियों और विकलांग यात्रियों के बीच विवाद पैदा हो रहा है और दिव्यांग यात्री नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं।
जबकि सरकारी और केंद्रीय कर्मचारियों के अलावा, आवश्यक सेवा कर्मियों की भी यात्रा करने की अनुमति दी जा रही है।
मध्य रेलवे (central railway) द्वारा अभी हाल ही में विकलांग, कैंसर रोगियों और मान्यता प्राप्त पत्रकारों के लिए लोकल ट्रेनों में यात्रा की अनुमति दी थी। साथ ही, विकलांग यात्रियों को संबंधित प्रमाण पत्र दिखाकर उनके आरक्षित डिब्बे में यात्रा करने की अनुमति दी गई थी। बावजूद इसके, विकलांग यात्रियों को अभी भी यात्रा करने से रोका जा रहा है।
हालांकि रेलवे द्वारा ऐसा क्यों किया जा रहा है, इसकी अभी तक कोई सूचना नहीं है। लेकिन रेलवे के इस रवैये से दिव्यांगों न केवल निराश हैं बल्कि उनकी मुश्किलें भी जस की तस बनी हुई है।