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बेस्ट की बसों में हो रही है भीड़, चोरों और पॉकेटमारों की चांदी

जिस तरह से बसों में भीड़ जुट रही है उससे आम लोगों को परेशानी तो चोर और पॉकेटमारों की चांदी हो रही है। जिस पर सरकार को अवश्य ध्यान देना चाहिए।

बेस्ट की बसों में हो रही है भीड़, चोरों और पॉकेटमारों की चांदी
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ठाणे (thane) के भायंदर (bhayandar) में रहने वाले सूरज पाल काम के सिलसिले में हर दिन जोगेश्वरी आते जाते रहते हैं। चूंकि लोकल ट्रेंन (local train) में अभी यात्रा करने की अनुमति नहीं है तो वे बेस्ट (best) की बस से ही हर दिन यात्रा करते हैं। वे पिछले 6 महीने से हर दिन बेस्ट की बस से जोगेश्वरी आते हैं और शाम को बस से ही फिर लौट जाते हैं। अभी हाल ही में उनका एक मोबाइल फोन (mobile phone) किसी ने बस में ही चोरी कर लिया। एक दो दिन बाद उन्होंने 14 हजार का एक नया मोबाइल लिया था, लेकिन 15 दिन बाद ही उसे भी किसी ने बस में फिर से चोरी कर लिया। इस बारे में सूरज का कहना है कि, हां, मैं गफलत में जरूर था, मेरी लापरवाही थी, लेकिन बस में जिस तरह से चोरी हुई उससे मैं हैरान ही नहीं परेशान भी हो गया हूँ। मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है मैं क्या करूँ...किसके पास जाऊं? 

बेस्ट की बस से काम करने के लिए बांद्रा (bandra) जाने वाले 32 वर्षीय अकबर अली जब काम पर जा रहे थे, उनकी पैंट में रखा पर्स किसी ने चोरी कर लिया। उसमें लगभग उन्होंने 800 रुपये रखे थे, इसके अलावा उनका आधार कार्ड (adhar card), पैन कार्ड (pan card) और उनकी बैंक (bank)का डेबिट कार्ड (debit card) था। अकबर अली का कहना है कि, उन्हें पैसे जाने का उतना गम नहीं है जितना आधार कार्ड, पैन कार्ड और डेबिट कार्ड चोरी होने का गम है। उन्होंने यह भी बताया कि, समय पर उन्होंने अपना डेबिट कार्ड ब्लॉक करा दिया था।

अंधेरी (andheri) से साकीनाका काम करने के लिए जाने वाले मनु मोहंती एक थैली में कुछ जरूरी डॉक्युमेंट्स लेकर बस से कहीं जा रहे थे। जब वे बस से उतरे तो उन्हें उनकी थैली हल्की महसूस हुई। जब उन्होंने अपनी थैली देखा तो नीचे से किसी ने धारदार हथियार से थैली काट दिया था, और सभी डॉक्युमेंट्स चोरी कर लिए थे। इस बारे में मोहंती ने कहा कि, मैं बैंक से निकला तो सीधे बस में चढ़ गया। चोर को लगा होगा कि, थैली में पैसे वगैरह होंगे, इसलिए उसने थैली काट दी। मोहंती ने आगे कहा, मुझे खुशी है कि, मेरा एक भी पैसा नहीं गया लेकिन मेरे कुछ जरुरी डॉक्युमेंट्स का नुकसान जरूर हो गया।

इन सभी घटनाओं को पढ़कर एक बात तो आसानी से समझ में आ जाती है कि, इस समय चोरों और पॉकेटमारों के लिए बेस्ट की बस सबसे मुफीद अड्डा बनी है, जिससे वे चोरी कर सकें। क्योंकि बसों में भीड़ हो रही है। और इसी भीड़ का फायदा चोर और पॉकेटमार उठा रहे हैं।

कोरोना काल में अभी आम लोगों को लोकल ट्रेन से यात्रा करने की अनुमति रेलवे द्वारा नहीं दी गई है। जिसके फलस्वरूप बेस्ट की बस जिसे मुंबई की दूसरी लाइफ लाइन कहा जाता है, लोग इसी से ही यात्रा कर अपने कार्यालय, कंपनी या दूकानों पर आ जा रहे हैं। इसी कारण से बसों में बेहिसाब भीड़ हो रही है। जिससे चोरो के लिए बड़ा अवसर पैदा हो जाता है।

बता दें कि कोरोना प्रसार को रोकने के लिए ही अभी तक आम लोगों को लोकल ट्रेन से यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जा रही है, लेकिन जिस तरह से बेस्ट की बस में भीड़ हो रही है, उससे तो कोरोना प्रोटोकॉल की पूरी तरह से धज्जियां उड़ रही है।

यही कारण है कि, इस बारे में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना यानी मनसे (mns) ने आम लोगों को लोकल ट्रेंन से यात्रा करने की अनुमति देने की मांग की थी। मनसे का कहना है कि, लोकल ट्रेन में आम लोगों को यात्रा करने की अनुमति इसलिए नहीं दी जा रही है क्योंकि लोगों की भीड़ जुटेगी तो कोरोना का संक्रमण हो सकता है। लेकिन बसों में भी तो भीड़ जुट रही है उसके लिए सरकार क्या कर रही है?

कोई कुछ भी कहे, लेकिन जिस तरह से बसों में भीड़ जुट रही है उससे आम लोगों को परेशानी तो चोर और पॉकेटमारों की चांदी हो रही है। जिस पर सरकार को अवश्य ध्यान देना चाहिए।

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