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यात्रियों की लापरवाही हुई शुरू, लॉकडाउन में लोकल रेलवे से होने वाले हादसे भी शुरू

पिछले एक साल में, ठाणे रेलवे पुलिस स्टेशन की सीमा की हद में रेल दुर्घटनाओं में 141 यात्रियों की जान गई है और 56 अन्य घायल हुए हैं। मृतकों में 128 पुरुष और 13 महिला यात्री शामिल हैं।

यात्रियों की लापरवाही हुई शुरू, लॉकडाउन में लोकल रेलवे से होने वाले हादसे भी शुरू
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कोरोना महामारी (corona pandemic) के कारण लोकल ट्रेन (local train) सेवा को अभी पूरी तरह से शुरू नहीं किया गया है, लेकिन जिन लोगों को यात्रा की अनुमति मिली हुई है, उनकी भी लापरवाही शुरू हो गई है और ऐसे में हादसों का रुका हुआ सिलसिला एक बार फिर से शुरू हो गया है।

रेलवे ने लॉकडाउन (lockdown) में मरने वाले यात्रियों के आंकड़े जारी किए हैं, जिसके मुताबिक, पिछले एक साल में, ठाणे रेलवे पुलिस स्टेशन की सीमा की हद में रेल दुर्घटनाओं (railमें 141 यात्रियों की जान गई है और 56 अन्य घायल हुए हैं। मृतकों में 128 पुरुष और 13 महिला यात्री शामिल हैं।

हालांकि यह आंकड़े पिछले साल जनवरी 2020 से लेकर दिसंबर 2020 तक के हैं। अमूमन चालू दिनों में जब रेलवे इन आंकड़ों की डिटेल जारी करती थी तो, संख्या हजारों में होती थी। लॉकडाउन से कइयों की जान बची है।

ठाणे से दिवा फिर तलोजा उसके बाद हार्बर मार्ग पर ठाणे से ऐरोली, इन स्टेशनों तक ठाणे RPF के अंतर्गत आता है। इन रूटों पर साल भर में करीब 300 से लेकर 350 तक यात्रियों की मौत हर साल होती है। लेकिन लॉकडाउन के कारण इस साल यह संख्या घटकर आधे से भी कम रह गई है।

ठाणे स्टेशन पर सुबह और शाम को ट्रेन में यात्रियों की भीड़ लगी रहती है, जबकि दूसरी ओर, लाइन पार करने वालों की संख्या भी कम नहीं है। रेलवे लाइन पार करने की हड़बड़ी में कई यात्रियों की जान चली जाती है।

लॉकडाउन में करीब ढाई-तीन महीने तक बंद रहने के बाद जब लोकल ट्रेनों को शुरू किया गया तो शुरू में आपातकालीन सेवा में लगे लोगों को ही यात्रा की अनुमति दी गई थी, इसके बाद 

अनलॉक के दौरान अन्य क्षेत्रों में भी कार्यरत लोगों को यात्रा की अनुमति दी गई और महिलाओं को शर्तों के साथ यात्रा की छूट मिली। जिसके बाद से लगातार भीड़ बढ़ रही है, और हादसे भी।

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