मीरा-भायंदर को डोंबिवली से जोड़ने वाले अंतर्देशीय जलमार्ग के विकास को मंजूरी दिए हुए पांच साल हो चुके हैं। अब, भायंदर, कोलशेट (ठाणे), कल्हेर (भिवंडी) और डोंबिवली में फैले आठ यात्री घाटों के निर्माण के लिए, महाराष्ट्र समुद्री बोर्ड (एमएमबी) ने निविदाएं जारी की हैं। केंद्र और राज्य सरकार परियोजना की कुल लागत साझा करेगी जो कि 96 करोड़ रुपये होगी। (Maharashtra Maritime Board floats tenders for 8 passenger jetties to connect Bhayandar and Dombivali)
यह परियोजना केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय के अंतर्गत आती है और केंद्र की सागरमाला पहल का हिस्सा है। एमएमबी के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, डेढ़ साल के भीतर सिविल वर्क पूरा होने की उम्मीद है। 2025 के अंत में इस रूट पर फेरी सर्विस शुरू हो सकती है।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, फेरी सेवाएं पश्चिम में वसई और पूर्व में कल्याण में चलेंगी, जबकि कोलशेट को एक प्रमुख इंटरचेंज प्वाइंट या मल्टी-मोडल हब के रूप में विकसित किया जाएगा।
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