लॉकडाउन (Lockdown) के कारण फंसे हजारों लाखों प्रवासी मजदूरों (migrant workers) को उनके गृहनगर पहुंचाने के लिए स्पेशल श्रमिक ट्रेनें (shrmik train) चलाई जा रहीं हैं। हालांकि इस ट्रेन में मात्र हजार या 1200 लोगों को ही बैठने दिया जा रहा है और यह ट्रेन नॉन स्टॉप है यानी एक बार छूटने पर यह अपने गंतव्य स्टेशन पर ही रुकेगी। लेकिन अब इस नियम में बदलाव किया गया है। अब इस ट्रेन में 1200 कई जगह 1700 मरीजों को यात्रा करने की अनुमति होगी साथ ही यह ट्रेन अब संबंधित राज्यों में 3 स्टेशनों पर रुकेगी।
सूत्रों के मुताबिक अब जो ट्रेन यूपी जाने के लिए मुंबई से छूटेगी वह ट्रेन यूपी में तीन जगह रुकेगी। इसे इस तरह से समझा जा सकता है। मान लो कोई ट्रेन यूपी के सुल्तानपुर जाने के लिए मुंबई से छूटती है तो उस ट्रेन को रास्ते में पड़ने वाले इलाहाबाद और प्रतापगढ़ स्टेशनों पर भी रोका जाएगा, ताकि वहाँ के यात्री भी उतरकर आसानी से अपने घर जा सके।
रिपोर्ट के अनुसार इस बारे में राज्य सरकारों ने रेलवे से गुजारिश की थी ताकि अधिक से अधिक लोगों को ट्रेन से जाने की अनुमति दी जा सके।
इसके अलावा सोशल डिस्टनसिंग (social distance) का ख्याल रखते हुए अब तक हर बोगी में 54 लोगों को ही बैठने की अनुमति दी जाती थी लेकिन अब हर सीट के हिसाब से लोगों को बैठने की अनुमति दी जायेगी, यानी अब हर बोगी में 72 लोगों को बैठने की अनुमति दी जाएगी, यानी सीटों की क्षमता के अनुसार यात्रियों को भेजा जाएगा।
रेलवे ने अब तक 5 लाख प्रवासियों को उनके गृहनगर भेजने का दावा किया है। इस बारे में रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि, अगर हमें अनुमति मिलती है तो हम और भी अधिक ट्रेनें चला सकते हैं। ताकि अधिक से अधिक प्रवासियों को उनके घर भेजा जा सके।