6 दिसंबर को महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) के 250 बस डिपो में से लगभग 105 ने चलना शुरू कर दिया। MSRTC के एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। महाराष्ट्र सरकार में निगम के विलय की मांग को लेकर 27 अक्टूबर से एमएसआरटीसी के कर्मी हड़ताल पर हैं। उन्हें सरकारी कर्मचारियों के समान लाभ मिलने की उम्मीद है।
हाल तक, पूरे महाराष्ट्र में लगभग सभी 250 डिपो गैर-परिचालन रहे हैं। अधिकारियों का मानना है कि कर्मचारी अब महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री अनिल परब की अपील का जवाब दे रहे हैं। परब ने सभी कर्मचारियों से काम पर वापस आने का आग्रह किया था। रिपोर्टों के अनुसार, सोमवार को 92,266 MSRTC कर्मचारियों की कुल संख्या में से, 19,000 ने काम पर वापस जाने की सूचना दी। अधिकारियों का दावा है कि रविवार को 734 बसें चल रही थीं, जिन्होंने 1,703 यात्राएं की हैं और 1.4 लाख यात्रियों को अपनी सेवाएं दी हैं।
बसो के चलने से निगम के खजाने में 76,30,000 रुपये जोड़े हैं। महामारी से पहले MSRTC का बेड़ा लगभग 16,000 बसें हैं। यह रोजाना 65 लाख यात्रियों को अपनी सेवाएं दे रहा था।एक अधिकारी ने दावा किया कि शनिवार यानी 4 दिसंबर को सिर्फ 49 डिपो ही चालू थे। उधर, सोमवार को 56 और चलने लगे। एमएसआरटीसी ने कहा कि वह हड़ताल करने वालों के खिलाफ कार्रवाई पर विचार कर रहा है।
MSRTC ने हड़ताल में शामिल लोगों को स्थानांतरित करना शुरू कर दिया था, 9,384 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया था, 1,980 कर्मचारियों को समाप्त कर दिया गया था। एक अधिकारी ने बताया कि पूरे महाराष्ट्र में अब तक 40 से अधिक बसों में तोड़फोड़ की जा चुकी है, साथ ही 93 पुलिस मामले दर्ज किए गए हैं।
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