गुजरात के एक वकील ने गुजरात हाई कोर्ट में ट्रेन में नॉनवेज खाना परोसे जाने को लेकर शिकायत करते हुए याचिका दायर की है। वकील के अनुसार नॉनवेज खाना या तो बंद करना चाहिए या फिर वेज और नॉन-वेज यात्रियों के अलग-अलग बैठने की व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए। अब इस मामले को लेकर हाई कोर्ट अगले सप्ताह सुनवाई कर सकता है।
क्या था मामला?
शुद्ध शाकाहारी खाने वाले वकील सैयद का कहना है कि वे कुछ दिन पहले अपने कुछ दोस्तों के साथ राजधानी एक्सप्रेस से कहीं जा रहे थे। लेकिन वे उस समय असहज हो गए जब दोस्तों को नॉनवेज खाना परोसा गया. इससे सैयद खाना नहीं खा सके. अपनी याचिका में सैयद ने मांग की है कि न्यायालय के आदेश पर वेज और नॉनवेज खाने वाले यात्रियों के बैठने के लिए अलग-अलग व्यवस्था की जाए क्योंकि यह सभी की बेहतरी के लिए है।
रेलवे करे व्यवस्था
हालांकि सैयद यह भी कहते हैं कि संविधान की आर्टिकल 21 और 25 के मुताबिक हर व्यक्ति को अपनी मर्जी के मुताबिक खाने-पीने का अधिकार है लेकिन इसमें किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। लेकिन रेलवे को इससे जुड़ी व्यवस्था सुनिश्चित करना चाहिए।