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एसटी की आय वृद्धि के लिए 'पंचसूत्री' - परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक

दैनिक बैठकें, लक्ष्य निर्धारण, नई समय सारिणी के साथ यात्री सेवाओं में सुधार का संकल्प

एसटी की आय वृद्धि के लिए 'पंचसूत्री' - परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक
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महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (state transport) ने आय वृद्धि, दक्षता और यात्री सुविधाओं में सुधार के लिए एक व्यापक 'पंचसूत्री योजना' तैयार की है। परिवहन मंत्री और एसटी निगम के अध्यक्ष प्रताप सरनाईक ने डिपो स्तर से लेकर क्षेत्रीय कार्यालय तक के अधिकारियों और कर्मचारियों की ज़िम्मेदारियों को और स्पष्ट करते हुए कहा कि उन्होंने एसटी निगम को सुधार, 'गति' और 'नियमितता' के आधार पर आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है।(Panchsutra for increasing the income of ST Transport Minister Pratap Sarnaik)

प्रशासन दैनिक बैठकों के लिए तैयार

एसटी खुद को एक 'चलती संस्था' के रूप में परिभाषित करता है। इसके लिए डिपो में सुबह 10 बजे, मंडल स्तर पर सुबह 11 बजे और क्षेत्रीय स्तर पर दोपहर 12 बजे समीक्षा बैठक अनिवार्य कर दी गई है। बैठक में यात्रियों की सभी शिकायतों, रद्दीकरण, खराब वाहनों, अनुपस्थित कर्मचारियों की जाँच करके कार्यप्रणाली में तत्काल सुधार लाने के निर्देश दिए गए।

अगले दिन की परिवहन योजना डिपो, मंडल और क्षेत्रीय स्तर पर शाम 4 से 6 बजे तक बनाई जाएगी। यात्राओं से लेकर बाज़ारों तक और स्कूल ट्रिप से लेकर अचानक भीड़भाड़ तक, डिपो हर परिस्थिति के लिए तैयार रहेगा।

चालकों के लिए स्पष्ट लक्ष्य - दक्षता पर ज़ोर

डीज़ल, राज्य परिवहन निगम के खर्च का सबसे बड़ा हिस्सा है। इसलिए, चालकों को केपीटीएल (प्रति 10 लीटर किलोमीटर) के अनुसार दैनिक लक्ष्य दिया जाएगा। जिन चालकों के पास केपीटीएल की कमी होगी, उन्हें आवश्यकतानुसार क्षेत्रीय स्तर पर परामर्श, प्रशिक्षण और उन्नत प्रशिक्षण दिए जाने की योजना बनाई गई है।

चूँकि टिकट बिक्री राजस्व की जीवनरेखा है, इसलिए कंडक्टरों को डिपो के दैनिक सीपीकेएम (प्रति किलोमीटर संचयी राजस्व) के अनुसार आय का स्पष्ट लक्ष्य दिया जाएगा। यदि आय कम है, तो परामर्श, कार्यभार परिवर्तन या मौखिक/लिखित समझौते का उपयोग किया जाएगा। लगातार कम आय वाले वाहकों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

समय-सारणी प्रबंधन में सुधार की बयार

राज्य परिवहन निगम की समय-सारणी को इसकी परिवहन प्रणाली की 'आत्मा' माना जाता है। लंबी दूरी की समानांतर बसों की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए, अब सभी समय-सारणी का वैज्ञानिक पुनर्मूल्यांकन शुरू किया जा रहा है। निर्देश दिए गए हैं कि केवल केंद्रीय कार्यालय द्वारा अनुमोदित मार्गों का ही संचालन किया जाए।

1 जनवरी को बस स्टॉपवार नई समय-सारिणी प्रकाशित की जाएगी और सोशल मीडिया के माध्यम से इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा। यह समय की पाबंदी और नियमितता को राज्य परिवहन निगम की नई पहचान बनाने के संकल्प को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।

लंबी और मध्यम दूरी की बसों के लिए नए मानदंड

लंबी और मध्यम दूरी की बसों के प्रबंधन में कई सुधार किए जा रहे हैं, जैसे आरक्षण के लिए उपलब्ध बसों की संख्या बढ़ाना, लोड फैक्टर को 80 प्रतिशत से कम न रखना, अच्छे लोड फैक्टर वाले दिनों में अतिरिक्त फेरे उपलब्ध कराना और प्रत्येक फेरे की निगरानी पर्यवेक्षकों द्वारा करते हुए 'अपनाया' आधार पर बस फेरे उपलब्ध कराना। इसके साथ ही, ऑनलाइन और मोबाइल ऐप के माध्यम से आरक्षण को बढ़ावा देने का भी इरादा है।

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