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रेलवे परियोजनाओं पर अतिक्रमण ने लगाया ब्रेक


रेलवे परियोजनाओं पर अतिक्रमण ने लगाया ब्रेक
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रेलवे पटरियों के पास हुए अतिक्रमण और यह अतिक्रमण हटाने में होने वाले विरोध के चलते रेलवे प्रकल्पों के काम को ब्रेक लगने का स्पष्टीकरण रेलवे अधिकारियों ने दिया है। इनका कहना है कि जगह की कमी, रेल पटरियों के पास अतिक्रमण और अतिक्रमण हटाने के विरोध के चलते रेलवे के प्रोजेक्ट नियत समय पर पूरे नहीं हो पा रहे हैं। आईए आपको बताते हैं कि अतिक्रमण के चलते कौन से योजनाएं प्रभावित हो रही हैं...

बेलापुर-सीवुड-उरण पहला चरण
नवी मुंबई को उरण से जोड़ने वाले मार्ग का कार्य दिसंबर 2017 तक पूर्ण होना है, लेकिन वन विभाग की जमीन के चलते तीन किलोमीटर के बीच अबतक काम नहीं हुआ है। जिससे बेलापुर से खारकोपर स्टेशन के बीच पहले चरण की शुरूआत अब होने वाली है। यह प्रोजेक्ट मार्च 2018 तक पूर्ण होने की बात कही जा रही है।

बोरीवली-मुंबई सेंट्रल छठीं लाइन
एमयूटीपी-2 योजना में बोरीवली-मुंबई सेंट्रल के बीच छठीं लाइन का प्रोजेक्ट अनेक वर्षों से अटका पड़ा है। इसमें बोरीवली से बांद्रा के बीच पहला चरण मार्च 2019 में और बांद्रा से मुंबई सेंट्रल मार्च 2021 में पूर्ण होना अपेक्षित होने की बात पश्चिम रेलवे के महाव्यवस्थापक डी. के. शर्मा ने कही है। जिसके लिए विलेपार्ले, मालाड और बोरीवली में प्राइवेट और सरकारी जमीन पर रेलवे को कब्जा लेना है और कई अतिक्रमण भी हटाने हैं।

हार्बर मार्ग विस्तारीकरण
अंधेरी से गोरेगांव के बीच हार्बर मार्ग के विस्तारीकरण प्रकल्प अटका पड़ा है, कहा जा रहा था कि राम मंदिर स्टेशन बनने के बाद यह प्रकल्प जल्द पूर्ण होगा, जिसके लिए जून 2017 में नई समय सीमा तय की गई थी, जो अब दिसंबर 2017 तक बढ़ा दी गई है।

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