मध्य रेलवे में तैनात RPF के जवानो ने अपनी अदम्य साहसा को दिखाते हुए पिठलें 6 महीनों में 745 बच्चों को बचाया है। रेलवे सुरक्षा बल को रेलवे संपत्ति, यात्री क्षेत्र और यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह "ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते" के तहत बच्चों को बचाने की जिम्मेदारी भी निभा रहा है।
मध्य रेलवे ( CENTRAL RAILWAY) ) के रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने सरकार के सहयोग से 745 बच्चों को बचाया है। पिछले 6 महीनों में यानी जनवरी 2022 से जून 2022 तक "ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते" के तहत मध्य रेलवे पर रेलवे स्टेशन प्लेटफार्मों से रेलवे पुलिस और अन्य फ्रंटलाइन रेलवे कर्मचारी ने 745 बच्चों को बचाया है। इसमें 490 लड़के और 255 लड़कियां शामिल हैं और चाइल्डलाइन जैसे गैर सरकारी संगठनों की मदद से इन बच्चो को अपने माता-पिता से फिर से मिला दिया गया है।
जो बच्चे अपने परिवार को बिना बताए किसी लड़ाई या किसी पारिवारिक समस्या या बेहतर जीवन की तलाश में या शहर की रौनक आदि के कारण रेलवे स्टेशन पर आते हैं, उन्हें प्रशिक्षित आरपीएफ कर्मियों द्वारा ढूंढा जाता है। ये प्रशिक्षित आरपीएफ कर्मी बच्चों से जुड़ते हैं, उनकी समस्याओं को समझते हैं और उन्हें अपने माता-पिता के साथ फिर से जुड़ने की सलाह देते हैं।
पिछले साल यानी 2021 के दौरान जनवरी से दिसंबर तक, मध्य रेलवे आरपीएफ ने जीआरपी और अन्य फ्रंटलाइन रेलवे कर्मचारियों के समन्वय से 603 लड़कों और 368 लड़कियों सहित 971 बच्चों को बचाया है।
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