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मीरा-भायंदर से नायगांव मेट्रो प्रोजेक्ट के टेंडर में देरी

राज्य सरकार ने ग्रामीणों की मांगों को बार-बार नजरअंदाज किया है।

मीरा-भायंदर से नायगांव मेट्रो प्रोजेक्ट के टेंडर में देरी
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मीरा-भायंदर से नायगांव मेट्रो परियोजना के टेंडर में देरी ने पंजू द्वीप के ग्रामीणों के सुरक्षित परिवहन के लंबे समय से प्रतीक्षित सपने को चकनाचूर कर दिया है।(Tender for Mira-Bhayander to Naigaon Metro project delayed)

नाव से यात्रा

इस गाँव से नायगांव या भयंदर स्टेशन पहुँचने के लिए नाव से यात्रा करनी पड़ती है। साथ ही, रेलवे पुल से पटरियों पर पैदल भी चलना पड़ता है।हालाँकि, यह यात्रा ग्रामीणों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। फिर भी, राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार भी ग्रामीणों की माँगों को नज़रअंदाज़ कर रही है।

पंजू द्वीप पर अटके पुल का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में 

पंजू द्वीप के एक युवक संजय भोईर की लोकल ट्रेन में एक यात्री द्वारा फेंके गए नारियल की चपेट में आने से मौत हो गई। इस घटना के बाद, पंजू द्वीप पर अटके पुल का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है।अब तक इसी गाँव के पाँच-छह लोगों की इसी तरह मौत हो चुकी है। पंजू द्वीप पर स्थित इस गाँव में लगभग 3500 निवासी रहते हैं। यह द्वीप पानी से घिरा हुआ है और परिवहन के लिए कोई पुल उपलब्ध नहीं है।

चार से पाँच मिनट नाव से सफ़र

सामना की एक रिपोर्ट के अनुसार, नायगांव या भायंदर स्टेशन पहुँचने के लिए ग्रामीणों को चार से पाँच मिनट नाव से सफ़र करना पड़ता है। फिर उन्हें ट्रेन से सफ़र करना पड़ता है या रेलवे पुल पर तीस मिनट पैदल चलना पड़ता है।मीरा-भायंदर को नायगांव से जोड़ने वाले प्रस्तावित मेट्रो रेल प्रोजेक्ट और वाहन पुल का निर्माण प्रशासन की सुस्त प्रबंधन व्यवस्था के कारण विलंबित हो गया है। इससे ग्रामीणों की उम्मीदें टूट गई हैं।

वर्सोवा से वसई-विरार तक कोस्टल रोड

वर्तमान योजनाओं में वर्सोवा से वसई-विरार तक एक कोस्टल रोड शामिल है। लेकिन इसके डिज़ाइन ने स्थानीय मत्स्य पालन को खतरे में डाल दिया है, जिसके कारण इसका मार्ग बदलना पड़ा है।इसके अलावा, भायंदर और नायगांव की खाड़ियों पर तीसरा रेलवे पुल निर्माणाधीन है। लेकिन पंजू के ग्रामीणों के लिए विशेष रूप से कोई पुल प्रस्तावित नहीं किया गया है। इससे विलास भोईर जैसे निवासियों में निराशा है।

1,501 करोड़ रुपये की परियोजना

मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (MMRDA) भायंदर और नायगांव को जोड़ने वाली वसई खाड़ी पर 4.98 किलोमीटर लंबा डबल-डेकर पुल बनाने की योजना बना रहा है।मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा स्वीकृत 1,501 करोड़ रुपये की यह परियोजना आसपास के इलाकों में यातायात को सुगम बनाएगी और अलग-थलग पड़े पंजू द्वीप को जोड़ेगी।

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