महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) के कर्मचारियों द्वारा शुरू की गई स्ट्राइक शनिवार शाम को खत्म कर दी गई। शुक्रवार से शुरु हड़ताल के कारण एसटी को करोड़ो का नुकसान हुआ है। परिवहन मंत्री दिवाकर रावते द्वारा बुलाई गई एक बैठक के बाद कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल वापस ले ली है। हड़ताल के दौरान 18,000 एसटी बसों में से 80 फिसदी बसें इस हड़ताल के दौरान रोड पर निकली ही नही।
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राज्य में कुल 250 बस डिपो में से 74 पूरी तरह से हड़ताल के दौरान बंद थे। प्रबंधन को शुक्रवार ₹ 15 करोड़ का शनिवार को ₹ 18 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, हड़ताल के दौरान शिवशाही बसों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया था।इससे पहले शनिवार को, एमएसआरटीसी प्रबंधन और कर्मचारियों के बीच एक बैठक विफल रही थी। कर्मचारियों द्वारा हड़ताल को बुलाया गया क्योंकि वे वेतन में वृद्धि चाहते थे। वे 1 अप्रैल, 2016 से 31 मार्च, 2020 के बीच प्रस्तावित मजदूरी संशोधन के खिलाफ विरोध कर रहे थे।
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शुक्रवार को परेल डिपो की बस सेवाएं पूरी तरह से बंद थीं लेकिन शनिवार की शाम को बसें चलने लगीं। दादर-अलीबाग, ठाणे-बोरिवली, भिवंडी-मुंबई और अन्य जैसे मार्गों पर हड़ताल और शहर बस सेवाओं के कारण मुंबई और पुणे और अन्य इंटरसिटी मार्गों के बीच की सेवाएं भी प्रभावित हुईं।