लोअर परेल स्टेशन पर रेलवे पुल के निर्माण की परियोजना अभी भी रफ्तार पकड़ने का इंतजार कर रही है, जबकि हैनकॉक पुल पुनर्निर्माण परियोजना अधर में लटकी हुई है, परियोजनाओं में लगातार देरी से आस-पास के इलाकों में यातायात कबुरी तरह से प्रभावित हुई है, जिससे समस्याएँ और बढ़ गई हैं। बुधवार को संसद में यह मुद्दा गूंजा, सांसद अरविंद सावंत ने संसद में मुंबई की उपनगरी रेलवे की अधूरी रेलवे पुल परियोजनाओं का मुद्दा उठाया।
तीन साल बाद भी पुल का निर्माण नहीं
अरविंद सावंत ने कहा की " रेल मंत्रालय ब्रिटिश काल के दौरान बनाए गए रेलवे पुलों पर चेतावनी जारी किया और साथ ही रेलवे ने इसकी मरम्मत का वादा किया है"। मध्य रेलवे ने एक रिपोर्ट के आधार पर जनवरी 2016
में मझगाँव और सैंडहर्स्ट रोड स्टेशनों को जोड़ने वाले हैनकॉक रेलवे पुल को ध्वस्त कर दिया था,
हालांकी अभी तक इसका निर्माण का काम पूरा होने का इंतजार है। इस ब्रिज को तोड़े हुए तीन साल से भी उपर का समय बीत चुका है।
लोअर परेल रेलवे ब्रिज जिसे अगस्त 2018 में ध्वस्त कर दिया गया था, लेकिन अज्ञात कारणों से फिर से निर्माण बंद होने के कारण अभी तक यह मरम्मत का इंतजार कर रहा है। सांसद सावंत ने दादर के तिलक ब्रिज पर भी अपनी चिंताओं व्यक्त की। इसके साथ ही उन्होने कहा की तिलक ब्रिज भी असुरक्षित घोषित करने की प्रक्रिया में है और जल्द ही फिर से निर्माण प्रक्रिया के तहत रखा जाएगा
स्पीकर से अनुरोध
सावंत ने स्पीकर से अनुरोध किया कि वे रेल मंत्रालय को आम यात्रियों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए भविष्य में किसी अन्य पुल को खत्म करने से पहले वैकल्पिक व्यवस्था करने का निर्देश दें।
सांसद अरविंद सावंत द्वारा उठाए गए इस मुद्दे को शिवसेना के ही सांसद राहुल शेवाले और विनय राउत ने समर्थन दिया।
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