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मैं अभी भी खुद को आउटसाइडर फील करती हूं: कृति सेनन

इंटरव्यू के दौरान डिजिटल प्लेटफॉर्म को लेकर कृति सेनन ने कहा, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मीडियम कौन सा है, अगर मेरे पास कुछ एक्साइटिंग आता है तो जरूर करूंगी।

मैं अभी भी खुद को आउटसाइडर फील करती हूं: कृति सेनन
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‘हीरोपंती’ से 2014 में अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत करने वाली एक्ट्रेस कृति सेनन ‘दिलवाले’, ‘बरेली की बर्फी’ और ‘लुका छुपी’ जैसी फिल्मों में नजर आ चुकी हैं। अब जल्द ही वे स्पूफ कॉमेडी फिल्म ‘अर्जुन पटियाला’ में नजर आने वाली हैं। इस फिल्म में कृति के साथ दिलजीत दोसांझ और वरुण शर्मा भी नजर आएंगे। यह फिल्म 26 जुलाई को रिलीज होगी। रिलीज से पहले हमने कृति से खास मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने फिल्म और निजी जिंदगी से जुड़े सवालों का बेबाकी से जवाब दिया।


 ‘अर्जुन पटियाला एक स्पूफ कॉमेडी फिल्म है, जोकि भारतीय दर्शकों के लिए नया है, आपको इस रिस्क से डर नहीं लगा?

रिस्क नहीं लिया तो फिर तो कोई मतलब ही नहीं बनता, हमेशा वही घिसा पिटा करते रहेंगे। मुझे वही चीजें एक्साइटेड करती हैं, जिसमें कुछ नया करने के लिए होता है। कॉप फिल्म बहुत सारी आती हैं, मैंने भी देखी हैं और मुझे पसंद भी आती हैं। पर इस फिल्म को उन सबसे बहुत अलग बनाने की कोशिश की गई है। मुझे खुद को भी स्पूफी जॉनर्स बहुत पसंद है। दर्शकों ने जिस तरह से ट्रेलर को प्यार किया है, मुझे पूरी उम्मीद है कि दर्शकों को फिल्म भी काफी पसंद आएगी। पर एक तरह से देखा जाए तो रिस्क तो है। क्योंकि जब भी कुछ नया किया जाता है तो 50 फीसदी चांस चलने के और 50 फीसदी चांस ना चलने के होते हैं। लेकिन जब तक आप ट्राई नहीं करेंगे तो कैसे किसी निर्णय पर पहुंचेंगे।

एक्टर-डायरेक्टर आशुतोष गोवारिकर के साथ पानीपथ में काम करने का अनुभव?

दरअसल मैंने उन्हें डायरेक्टर के तौर पर ही देखा है। वे हरेक एक्टर को अंडरस्टैंड करते हैं कि यह क्या कर सकता है और कितना कर सकता है। उनके समझाने का तरीका भी बेहद अलग है। मुझे याद हैं एक गाने के शूट के वक्त उन्होंने कहा था कि उसे स्माइल के साथ ऐसे देखो जैसे पहले से जानती हो। मुझे इतना डिटेल डायरेक्शन कभी नहीं मिला। वे एक एक्टर भी हैं, इसलीए उस वक्त एक डायरेक्टर के साथ साथ एक्टर भी बोल रहा था।

लुका छुपी में रिपोर्टर और अब अर्जुन पटियाला में भी रिपोर्टर बनी हैं?

‘लुका छुपी’ में मैं इंटर्नशिप कर रही थी और अब ‘अर्जुन पटियाला’ में मुझे नौकरी मिल गई है।

अक्षय कुमार की तरह साल में आपकी भी 4 फिल्में आ रही हैं, टक्कर देने की तैयारी है?

मैं उन्हें कभी कंम्पीट नहीं कर सकती। उनकी हर साल 4 फिल्में आती हैं, मेरी तो पहली बार 4 फिल्में आ रही हैं। मैं उसी मैं बहुत खुश हूं। साथ ही मैं कोशिश करूंगी कि हर साल कमसे कम 2 फिल्में जरूर करूं। मैं नहीं मानती हूं कि उनकी तरह कोई कर सकता है। वे जिस तरह से समय का सही उपयोग करते हैं और खुद को कंट्रोल करते हैं किसी और के लिए उस तरह से कर पाना मुश्किल है।

डिजिटल प्लेटफॉर्म को कैसे देखती हैं, आने की कोई योजना?

अभी तक मेरे पास कोई ऐसा प्रोजेक्ट नहीं आया है, जो मुझे एक्साइटेड करे। पर मेरी समझ से डिजिटल मीडियम बहुत अच्छा है। काफी अच्छा कंटेट देखने को मिलता है, जो हमें फिल्मों में और भी बेहतर करने के लिए मोटिवेट करता है। मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मीडियम कौन सा है, अगर मेरे पास कुछ एक्साइटिंग आता है तो जरूर करूंगी।

आपने बॉलीवुड में काफी फिल्में कर ली हैं, क्या अभी भी आप खुद को आउटसाइडर समझती हैं? 

ऐसा नहीं हैं कि मेरे अंदर अब आउटसाइडर वाला फील नहीं है। जैसे जैसे फिल्में करती जा रही हूं, वह पीछे जा रहा है। पर देखा जाए तो इंडस्ट्री बेहद वेलकमिंग है। पर मैं इंडस्ट्री की पार्टी में ज्यादा जाना पसंद नहीं करती और जब आप किसी से घुलते मिलते नहीं हैं, तो अपने लोगों जैसे फील नहीं करते हैं।

सोशल मीडिया पर किसी सेलेब्स को ट्रोल करना आम हो गया है, आप सोच समझकर पोस्ट करते हैं?

मैं ज्यादा नहीं सोचती हूं और पोस्ट कर देती हूं, उसके बाद सोचतू हूं, ओह...क्यों कर दिया। वो तो होता ही रहता है। पर मुझे लगता है कि किसी एक चीज को लेकर लोगों के पास अलग अलग विचार हो सकते हैं। इसलिए सभी को अटेंशन देने की जरूरत नहीं है। मैं किसी भी अनचाने इन्सान के कॉमेंट से प्रभावित नहीं होती हूं। जब कोई किसी चीज को लेकर बहुत ही ज्यादा निगेटिव हो जाता है तो मैं ब्लॉक कर देती हूं।


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