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Fraud Saiyaan Movie Review: ‘फ्रॉड सईया’ में कॉमेडी कम फूहड़पन अधिक

नेशनल अवॉर्ड विनर फिल्ममेकर प्रकाश झा की फिल्मों से दर्शकों को काफी उम्मीदें रहती हैं और उनकी फिल्में दर्शकों की उम्मीदों पर हमेशा खरी भी उतरी हैं। पर इस कड़ी में ‘फ्रॉड सईया’ का नाम लेना बेईमानी होगी।

Fraud Saiyaan Movie Review: ‘फ्रॉड सईया’ में कॉमेडी कम फूहड़पन अधिक
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नेशनल अवॉर्ड विनर फिल्ममेकर प्रकाश झा की फिल्मों से दर्शकों को काफी उम्मीदें रहती हैं और उनकी फिल्में दर्शकों की उम्मीदों पर हमेशा खरी भी उतरी हैं। पर इस कड़ी में ‘फ्रॉड सईया’ का नाम लेना बेईमानी होगी। अरशद वारसी और सौरभ शुक्ला की जोड़ी स्क्रीन पर दर्शकों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरती। इस फिल्म की कॉमेडी लोगों दर्शकों को हंसाने की बजाय बोर करती है।

कहानी फिल्म में अरशद वारसी फ्रॉड सईया हैं, जिनका नाम भोला प्रसाद है। भोला का काम भोली भाली औरतों को अपने प्रेम जाल में फंसाना उनसे शादी करना और फिर पैसे ऐंठने का काम है। इस तरह से वह 13 औरतों को अपने जाल में फंसाता है। उन्ही में से एक औरत के ताऊ होते हैं सौरभ शुक्ला (मुरारी) जोकि भोला को ज्वाइन करते हैं।

एक्टिंग अरशद वारसी और सौरभ शुक्ला अपनी बेहतरीन अदाकारी के लिए जाने जाते हैं। पर इस फिल्म में इनकी जोड़ी रंग ना ला सकी। यह जोड़ी दर्शकों को हंसाने में नाकामयाब रहती है। वहीं फिल्म में चंदा (भावना पाणि) और उनके भाई डॉन (पियूष सुहाणे) दर्शकों का मनोरंजन करते नजर आए हैं। फ्लोरा सैनी और निवेदिता तिवारी भी अपने किरदार में फबे हैं।

डायरेक्शन इस फिल्म के डायरेक्टर-राइटर सौरभ श्रीवास्तव हैं। हालांकि उन्होंने फिल्म से अपना नाम हटाने के लिए कहा था। उनका कहना था कि वे जिस तरह की फिल्म चाहते थे वैसी नहीं बनाने दी गई है। देखा जाए तो फिल्म के डायरेक्टर 90 के दौर में घुस गए हैं। सौरभ शुक्ला का बार बार पादना, लड़कियों का क्लीवेज दिखाना मनोरंजक नहीं फूहड़ लगता है।

रेटिंग्स 1.5/5

क्यों देखें अगर आप अरशद वारसी और सौरभ शुक्ला के डायहार्ट फैन हैं तो अपने रिस्क पर इस फिल्म को देख सकते हैं।

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