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Interview: अश्विनी अय्यर तिवारी को पुराने गानों से है खास लगाव, इसलिए 'पंगा' के लिए उठाया यह कदम

नील बटे सन्नाटा' और 'बरेली की बर्फी' जैसी फिल्में बना चुकीं, अश्विनी अय्यर तिवारी अब बॉलीवुड में पंगा लेने के लिए तैयार हैं।

Interview: अश्विनी अय्यर तिवारी को पुराने गानों से है खास लगाव, इसलिए 'पंगा' के लिए उठाया यह कदम
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 'नील बटे सन्नाटा' और 'बरेली की बर्फी' जैसी फिल्में बना चुकीं, अश्विनी अय्यर तिवारी अब बॉलीवुड में पंगा लेने के लिए तैयार हैं। जी हां, इनकी आगामी फिल्म 'पंंगा' है, जोकि एक स्पोर्ट्स ड्रामा फिल्म है, और 24 जनवरी रिलीज होगी। इस फिल्म में बॉलीवुड क्वीन कंगना रनौत लीड रोल में हैं। इस फिल्म को खुद अश्विनी ने लिखा भी है और डायरेटक्ट भी किया है। फिल्म की रिलीज से पहले मुम्बई लाइव ने अश्विनी ने खास मुलाकात कर विविध मुद्दों पर बात की।

 पंगा में कंगना रनौत के अपोजिट कोई सुपरस्टार चुनने की बजाय जस्सी गिल को क्यों चुना?

हर समय हमें फिल्म में सुपरस्टार लेने की जरूरत नहीं होती है। हमने फिल्म ‘बरेली की बर्फी’ में कृति सेनन को कास्ट किया था, उस समय वे एक नया चेहरा ही थीं। यह मेरे लिए भी एक चैलेंज होता है कि मैं अलग तरह की कास्ट को फिल्म के लिए चुनूं। यहां तक कि राजकुमार राव ने भी इससे पहले कोई कॉमिक कैरेक्टर प्ले नहीं किया था, हमने उन्हें भी कास्ट किया। एक स्टोरी टेलर के रूप में हमारी भी जिम्मेदारी बनती है कि हम बैरियर को तोड़ें। और यह कोई विमेन सेंट्रिक फिल्म नहीं है। यह एक स्पोर्ट्स ड्रामा फिल्म है, जिसमें सभी अपना कॉन्ट्रिब्यूशन दे रहे हैं। इस फिल्म की स्क्रिप्ट ही हीरो है।

पंगा की जर्नी कैसे शुरु हुई?

इस फिल्म का वन लाइन आइडिया फॉक्स स्टार स्टूडियो के पास से आया। अब इसको फिल्म का रूप देने के लिए निखिल मेहरोत्रा और मैंने फिल्म की स्क्रिप्ट लिखी। उन्होंने ‘दंगल’ और ‘छिछोरे’ जैसी फिल्में भी लिखी हैं। हमने इसको लिखने में बहुत सारा वक्त लिया। इसकी वजह थी कि हम इसे काफी स्ट्रोंगली लिखना चाहते थे।

आपके पति नितेश तिवारी भी एक बहुत अच्छे राइटर, डायरेक्टर हैं, आप स्क्रिप्ट आपस में शेयर करते हैं?

जैसे दो डॉक्टर सर्जरी से पहले डिसकस करते हैं, पर सर्जरी तो वे खुद ही जाकर करते हैं। ऐसे दो डायरेक्टर के बीच भी घर पर नॉर्मल बातें होती हैं। लेकिन ये तो सीधी सी बात है कि हम सोते जागते साथ में हैं तो आयडियाज तो डिसकस करेंगे ही।

आप पंगा के किरदार से खुद को कितना जुड़ा हुआ पाती हैं?

मैं भी एक मां हूं तो मैंने इस फिल्म से अधिक कनेक्ट किया है। मैंने अपनी मां को देखा है, मौसी को देखा है, मैंने अपने इर्द गिर्द और भी लोगों को देखा है, जिन्होंने अपने बेटे अपने पति के लिए बहुत सारे त्याग किए हैं। और यह हमारा कल्चर रहा है, हमने इसके लिए कभी बात भी नहीं की। इस वजह से मैं इस किरदार के काफी करीब हूं। जिस तरह से मुझे कपड़े पसंद हैं, गार्डनिंग पसंद है वह सब भी आपको फिल्म में देखने को मिलेगा। हरेक फिल्ममेकर का उनका एक हिस्सा फिल्म में रहता है।

फिल्म में किस तरह का म्यूजिक है, आपने कुछ सोचकर रखा था कि इसी तरह का म्यूजिक इस फिल्म में होगा?
म्यूजिक की जर्नी शंकर अहसान लॉय के साथ लगभग डेढ़ साल की रही है। हमने इस दौरान बहुत कुछ डिसकस किया है। आजकल का जैसा चलन है कि पहले फिल्म बना लेते हैं और उसके बाद गाने बना लेते हैं, कुछ रीमेक कर लेते हैं तो मेरा वैसा नहीं है। मैं पुराने गानों को ज्यादा प्रेफर करती हूं। हम आज भी पुराने गाने क्यों सुनते हैं? हम इसलिए सुनते हैं क्योंकि हमें अच्छा लगता है। तो मेरा ये रहता है कि गाने फिल्म के लिए बने होने चाहिए, नाकि फिल्म में उन्हें जबरदस्ती डाला जाना चाहिए।

आप अपनी फिल्मों के माध्यम से और कौन कौन से जॉनर को छूना चाहती हैं?

मेरी अगली फिल्म सुदामूर्ति नारायण मूर्ति की बायोपिक है। यह एकता कपूर के साथ मेरी को-प्रोडक्शन डायरेक्शन है। मेरा यही है कि मैं हरेक नई फिल्म के साथ कुछ अलग बनाऊं और एक अलग जॉनर बनाऊं। मेरी दिली इच्छा है कि मैं एक थ्रिलर फिल्म बनाऊं। पर देखते हैं कि वह कब तक बन पाती है।

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