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Sye Raa Narasimha Reddy Review: दिल को छूती है चिरंजीवी की दमदार परफॉर्मेंस और 'नरसिम्हा रेड्डी' की कहानी!

फिल्म के आने से पहले शायद कम लोग ही नरसिम्हा रेड्डी के बारे में जानते रहे होंगे। बेहतरीन कहानी के साथ कुशल डायरेक्शन, चिरंजीवी की पॉवरफुल एक्टिंग और धांसू एक्शन सीन्स से सजी है यह फिल्म।

Sye Raa Narasimha Reddy Review: दिल को छूती है चिरंजीवी की दमदार परफॉर्मेंस और 'नरसिम्हा रेड्डी' की कहानी!
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'बाहुबली' की अपार सफलता के बाद साउथ फिल्म इंडस्ट्री को एक अलग पहचान मिली है। अब ज्यादातर साउथ की फिल्में हिंदी भाषा में भी सिनेमाघरों में रिलीज होती हैं। हालांकि हालिया रिलीज हुई 'साहो' ने कुछ दर्शकों को निराश किया था, पर इसकी भरपाई करने 'सैरा नरसिम्हा रेड्डी' फिल्म आ गई है। यह फिल्म देश प्रेम, देश के प्रति समर्पण, अंग्रेजों की कूटनीति, अपनों से मिले धोखा और पछतावा पर आधारित है। फिल्म की कहानी देश की आजादी के लिए पहली आवाज उठाने वाले नरसिम्हा रेड्डी पर बेस्ड है। इस फिल्म के आने से पहले शायद कम लोग ही नरसिम्हा रेड्डी के बारे में जानते रहे होंगे। 

देश में ईस्ट इंडिया हुकूमत लागू हो चुकी थी, कुछ राजाओं ने समर्पण कर दिया था। पर कुछ राजा समर्पण के खिलाफ थे पर विरोध करने से घबरा रहे थे ऐसे राजाओं का साथ दिया नरसिम्हा रेड्डी (चिरंजीवी) ने। पर उन्हें अपनों का ही धोखा मिला। नरसिम्हा को साथ मिला जनता का और उसी जनता के बल पर उन्होंने अपने आंदोलन को जन जन तक पहुंचाया। कहानी में काफी सारे ट्विस्ट और अहम किरदार हैं, पर मैं किसी स्पॉइलर का काम नहीं करने वाला हूं।

जिस तरह से प्रभास ने बाहुबली में खुद को किरदार के अनुरूप ढाल लिया था, उसी तरह से चिरंजीवी ने नरसिम्हा रेड्डी को अपने अंदर समा लिया है। अपनी पॉवरफुल परफॉर्मेंस से एक बार फिर उन्होंने नरसिम्हा को जिंदा किया है। नयनतारा नरसिम्हा की पत्नी के किरदार में फिट बैठीं। तमन्ना का किरदार फिल्म में काफी अहम है, पर उनकी एक्टिंग नागवार थी। किच्चा सुदीप आपको फिल्म देखने के बाद भी याद रहेंगे। अमिताभ बच्चन सिर्फ कार्तिक पूर्णिमा में ही नजर आए, पर छाप छोड़ी है।

'सैरा नरसिम्हा रेड्डी' को लोग 'बाहुबली' जैसा समझ रहे थे, पर तारीफ करनी होगी फिल्म के डायरेक्टर सुरेंदर रेड्डी की जिन्होंने इस कंपेरिजन को बचाया और एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। फिल्म में जिस तरह के ट्विस्ट सुरेंदर ने रखे हैं, वो आपको फिल्म के साथ आखिर तक बांधे रखेंगे।

फिल्म में थोड़ा परेशानी सेकंड हाफ में पैदा होगी जब अंग्रेज आपसे भी अच्छी हिंदी बोलेंगे। साथ ही आपको यह भी नहीं समझेगा कि रवि किशन तो अच्छी हिंदी बोलते हैं, फिर उनकी आवाज को क्यों किसी और से ड कराया गया।

इतिहास के पन्नो में गुमनाम देश के वीर सपूतों की गाथा को शानदार वीएफएक्स कुशल डायरेक्शन और पॉवरफुल एक्टिंग से सजाया गया है। यह फिल्म आपको आजादी का मोल सिखाने के साथ साथ भारतीय होने पर गर्व महसूस कराएगी।

रेटिंग्स: ⭐⭐⭐⭐

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