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Chhapaak Review: एसिड अटैक की क्रूरता को बयां करती है 'छपाक'

फिल्म के सेकंड हाफ में कुछ कुछ सीन्स हैं जो आपको आखिर तक झटका देते रहेंगे और बांधे रखेंगे। फिल्म थोड़ा स्लो जरूर है, पर सच्चाई से वास्ता रखती नजर आएगी।

Chhapaak Review: एसिड अटैक की क्रूरता को बयां करती है 'छपाक'
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'तलवार' और 'राजी' जैसी फिल्में बनाने वाली डायरेक्टर मेघना गुलजार ने एक बार फिर रियल लाइफ को बड़े पर्दे पर उतार दिया है। जी हां, उनकी फिल्म 'छपाक' जो कि एसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल पर बेस्ड है, आज मीडिया के लिए रिलीज हो गई है, दर्शकों के लिए यह फिल्म 10 जनवरी को रिलीज होगी। मेघना गुलजार की 'छपाक' जिसमें दीपिका लीड रोल में हैं, बाकी बॉलीवुड फिल्मों से काफी अलग है। फिल्म में एंटरटेनमेंट कम पर इमोशन्स तगड़ा है। यह फिल्म दर्शकों को अपने अंदर झांकने के साथ साथ उन्हें एसिड अटैक की गंभीरता से रूबरू कराएगी।

मालती अग्रवाल (दीपिका पादुकोण) एक एसिड अटैक सर्वाइवर है, जिसका भाई हॉस्पिटल में एडमिट है, और मालती के परिवार को पैसों की सख्त जरूरत है। मालती जॉब की तलाश में है। वह इसी दौरान एक एनजीओ से जुड़ जाती है, जो एसिड अटैक सर्वाइवर के हित में काम करता है। इस एनजीओ को विक्रांत मैसी चलाते हैं। इसी बीच एक लड़की पर एसिड अटैक होता है और मालती की कहानी फ्लैश बैक में चलने लग जाती है। मालती पर किस तरह से एसिड अटैक होता है, वह किस दर्द से गुजरती है, उसके बाद वह किस तरह से अपराधी को सजा दिलाने के साथ साथ कानून में बदलाव करवा पाती है और सारी चुनौतियों और परेशानियों को झेलकर एक कॉंफिडेंट लड़की बनती है। मालती की इस पूरी जर्नी को फिल्म में बारीकी से दिखाया गया है।

दीपिका पादुकोण ने एक एसिड अटैक सर्वाइवर के किरदार को बखूबी निभाया है। पर एसिड अटैक से पहले वाली मालती में दीपिका की आपको थोड़ा ओवर एक्टिंग लग सकती है। विक्रांत मैसी की एक्टिंग आपको प्रभावित करेगी। फिल्म में उनका एक डायलॉग है, एसिड हाथ में आने से पहले दिमाग में घुलता है, जो काफी प्रभावित करता है।

फिल्म के शुरुआत में ही मालती पर एसिड अटैक होता है और आरोपी को सजा मिल जाती है। जिसकी वजह से फिल्म में दिलचस्पी थोड़ा कम हो जाती है। मेघना सॉफ्ट स्टोरी को थोड़ा बड़ा करतीं और पहले दिखातीं तो दर्शकों को यह फिल्म और भी ज्यादा कनेक्ट करती।

बावजूद इसके फिल्म के सेकंड हाफ में कुछ कुछ सीन्स हैं जो आपको आखिर तक झटका देते रहेंगे और बांधे रखेंगे। फिल्म थोड़ा स्लो जरूर है, पर सच्चाई से वास्ता रखती नजर आएगी। फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक और टाइटल ट्रैक तगड़ा है। वहीं फिल्म में कुछ कुछ सीन्स ऐसे हैं जो आपको विचलित भी कर सकते हैं। तो इस बात के लिए आप पहले से तैयार होकर जाएं। हम इस फिल्म को 5 में से 3.5 स्टार देते हैं।

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