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आमिर खान के साथ फिल्म को लेकर नहीं बनी बात: प्रकाश झा

प्रकाश झा ने कहा, फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन पर कब चर्चा नहीं हुई है। आज से 10 साल पहले भी हुई और आज भी हो रही है। आज के समय में हुआ यह है कि सोशल मीडिया के आने से हर किसी को आवाज मिल गई है। इसलिए आज के समय में शोर अधिक सुनाई दे रहा है।

आमिर खान के साथ  फिल्म को लेकर नहीं बनी बात: प्रकाश झा
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प्रकाश झा बॉलीवुड इंडस्ट्री के सफलतम डायरेक्टर में से एक हैं। उनकी फिल्में में राजनीति और कानून के काले चिट्ठे को समाज के सामने लाती हैं। उन्होंने ‘गंगाजल’, ‘राजनीति’, ‘सत्याग्रह’ और ‘आरक्षण’ जैसी फिल्मों का डायरेक्शन किया है। पर झा अब लीक से हटकर ‘फ्रॉड सईया’ जैसी फिल्म लेकर आ रहे हैं। इस रोमेंटिक कॉमेडी फिल्म में अरशद वारसी और सौरभ शुक्ला प्रमुख भूमिका में हैं। फिल्म प्रकाश झा प्रोडक्शन्स के बैनर तले बनी है। प्रकाश झा ने फिल्म की रिलीज से पहले मुंबई लाइव के साथ खास बातचीत की। पेश है मुलाकात के प्रमुख अंश...


फ्रॉड साईया में ऐसा खास क्या दिखा जिसे आपने बनाना चाहा?

वेलकम फिल्म आपने देखी होगी, उसमें भरोसा करने जैसा कुछ भी नहीं है, पर फिल्म लोगों को गजब का कनेक्ट करती है। उसी तरह दिशा (बेटी) कानिष्क मेरे पास ‘फ्रॉड साईया’ की स्क्रिप्ट लेकर मेरे पास आए, वे फिल्म के लिए प्रोड्यूसर खोज रहे थे। मैंने स्क्रिप्ट पढ़ी मुझे कमाल की कहानी लगी। आपको इस फिल्म के ट्रेलर में समझ गया होगा कि अगर फिल्म में निगोशिएशन है तो वह अलग तरह की ही है, एक अलगी ही लेवल की है। मुझे इसकी कहानी में अलग तरह की कॉमेडी दिखी और फिर ऊपर से इसमें अरशद वारसी और सौरभ शुक्ला का होना, मुझे उसी समय लगा कुछ कमाल होने वाला है और मैंने हां कह दिया।

देश में फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन पर चर्चा जोरों पर है, नसिरुद्दीन शाह ने कहा है कि वे यहां खुलकर अपनी बात नहीं रख सकते?   

फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन पर कब चर्चा नहीं हुई है। आज से 10 साल पहले भी हुई और आज भी हो रही है। आज के समय में हुआ यह है कि सोशल मीडिया के आने से हर किसी को आवाज मिल गई है। इसलिए आज के समय में शोर अधिक सुनाई दे रहा है।

नसिरुद्दीन शाह जो महसूस कर रहे हैं, वह उन्होंने कहा है। और उनकी बात से जो सहमत नहीं हैं वह भी अपनी बात रखते हैं। उनकी भी बात सही है। क्या दिक्कत है।

 

इस तरह के टॉपिक पर पहले भी बन चुकी हैं फिल्में?

एक टॉपिक पर तो कई फिल्में बनती हैं, उससे क्या फर्क पड़ता है। मुझे फिल्म की स्क्रिप्ट अच्छी लगी तो बना दिया। मुझे फिल्म की कहानी पर पूरा भरोसा है, यह दर्शकों को जरूर पसंद आएगी।

आपने इस फिल्म को खुद डायरेक्ट क्यों नहीं किया

जरूरी थोड़े हैं सबकुछ मैं ही करूं, वे  (दिशा, कानिष्क) खुद डायरेक्टर लेकर आए थे। मुझे वेलकम फिल्म अच्छी लगती है, इसका ये मतलब नहीं है कि मैं वेलकम जैसी फिल्म बनाऊं। किसी फिल्म को बनाने के लिए उस तरह की सेंसटिविटी का होना आवश्यक है।

आपने अजय देवगन से लेकर बिग बी तक के साथ काम किया है, खान्स के साथ क्यों नहीं कोई खास वजह?

ऐसी कोई खास वजह नहीं है, उस तरह की कोई स्टोरी नहीं मिली और ना ही उस तरह का उठना बैठना बन सका। सब के सब अच्छे एक्टर हैं। आमिर खान से एक समय पर किसी प्रोजेक्ट को लेकर थोड़ा थोड़ा बातचीत चल रही थी। पर वह पूरा नहीं हो सका। शाहरुख खान और सलमान खान से तो कभी बात भी नहीं हुई। जब मिलते हैं एक दूसरे की इज्जत करते हैं पर काम से संबंधित कोई बातचीत नहीं हुई।

फिल्म के डायरेक्टर क्यों हुए नाराज?

मुझे खुद नहीं समझा, ये कौन सा फ्रॉड है भाई, आपने इतनी अच्छी फिल्म बनाई है। मुझे अभी तक नहीं समझा ना पता चला कि उन्हें क्या तकलीफ हुई है। हमने उन्हें मेसेज भी भेजा कि भाई क्या तकलीफ है, तो उनका कहना था कि मैंने जैसे सोचा था फिल्म वैसी नहीं बनी है। पर हमने कहा भाई फिल्म आपने ही बनाई है। हम तो सिर्फ एक दिन ही शूटिंग पर आए थे, इसमें हम क्या करें। मैंने उनसे कहा कि एक प्रोड्यूसर के तौर पर आपके काम से हम बहुत खुश हैं, आपने बहुत अच्छी फिल्म बनाई है और यह बहुत अच्छा करने वाली है। (हंसते हुए) पर मुझे ऐसा लगता है उन्हें जीवन से विरक्ति हो गई है।



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