कृपया ध्यान दें, ‘दिमाग मत लगाना क्योंकि इनमें है नहीं’ यह मैं नहीं बोल रहा हूं, इस फिल्म ‘पागलपंती’ के ट्रेलर की शुरुआत में ही यह चेतावनी आपको दी गई है। जिसका पालन आपको पूरी फिल्म में करना हैं। वरना आप अपना दिमागी संतुलन खो सकते हैं। पर इतना है, अगर आप दिमाग का इस्तेमाल किए बिना देखेंगे तो आप बीच बीच में जरूर हंस पाएंगे और फिल्म का मजा ले पाएंगे। खासकर फिल्म का सेकंड हाफ आपको हंसाने में ज्यादा कामयाब साबित होगा।
‘पागलपंती’ को अनीस बज्मी ने डायरेक्ट किया है, उन्होंने इससे पहले ‘नो एंट्री’ और ‘वेलकम’ जैसी फिल्में बनाई हैं। पर ‘पागलपंती’ को आप इसी तरह की अन्य फिल्मों का मिश्रण कह सकते हैं। फिल्म में स्टार कास्ट की लंबी लाइन है, फिल्म में आप जिसकी गिनती करते करते थक जाएंगे। पर एक्टर्स एंट्री लेते लेते नहीं थकेंगे।
फिल्म में जॉन अब्राहम राज किशोर का किरदार निभा रहे हैं, जिस पर शनी की साड़े सातीसी चल रही है। वह जहां भी जाता है, वहां के लोगों के साथ मुसीबत का नाता जुड़ जाता है। बैंक में जाता है तो पता चलता है, नीरज मोदी पैसे लेकर विदेश भाग गया। विदेश जाकर जिस भी बिजनेस मैं हाथ डालता है वह भी ध्वस्त हो जाता है। इसी बीच वह अपने दोस्तों अरशद वारसी और पुलकित सम्राट के साथ सौरभ शुक्ला और अनिल कपूर की जिंदगी में एंट्री लेता है। ये दोनों अडरवर्ल्ड डॉन होते हैं, पर राज किशोर का शनि इन्हें सड़क पर लाकर खड़ा कर देता है और खुद जैसे फांसी के फंदे तक पहुंच जाता है। अब वह इस सबसे खुद को और सौरभ शुक्ला और अनिल कपूर को कैसे उबारेगा जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।
फिल्म में अनिल कपूर का किरदार थोड़े टाइम के लिए ‘वेलकम’ के मजनू की याद दिलाता है, पर देखते ही देखते फिस्स हो जाता है। कमजोर राइटिंग के बावजूद अनिल ने अपने किरदार को काफी ऊपर रखने की कोशिश की है। जॉन को हम आजकल ‘सत्यमेव जयते’ और ‘बाटला हाउस’ जैसी फिल्मों में देख रहे हैं, इसलिए उन्हें कॉमेडी करते देखना उतना दिल को भाता नहीं हैं। देखते देखते ऐसा लगता है जॉन कॉमेडी छोड़ो धुलाई शुरु करो और पारी फिनिश करो। पुलकित सम्राट और कृति खरबंदा अपने अपने किरदार में फिट बैठे हैं। आपको सबसे ज्यादा फिल्म में कोई हंसाएगा तो वे हैं सौरभ शुक्ला और अरशद वारसी। उर्वशी का किरदार छोटा है, उसी हिसाब से उनका काम भी है। इलियाना डिक्रूज फिल्म में काफी खूबसूरत दिखी हैं।
अनीस बज्मी ने ‘सिंह इज किंग’, ‘नो एंट्री’ और ‘वेलकम’ जैसे हिट फिल्में बनाई हैं। जिसकी वजह से दर्शकों को उनकी फिल्मों से अधिक उम्मीदें रहती हैं। पर ‘पागलपंती’ उन उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पाई है। उनकी कॉमेडी फिल्म में भी एक अच्छी कहानी होती है, यहां पर कहानी कमजोर दिखी। पर बावजूद उसके फिल्म मे डायरेक्शन और म्यूजिक ठीक है।
अगर इस वीकेंड पर आप खाली बैठे हैं और दिमाग पर ज्यादा जोर नहीं देना चाहते हैं, तो ‘पागलपंती’ को एक बार देख सकते हैं। पर बहुत ज्यादा उम्मीदें लेकर मत जाना वरना निराशा हाथ लगेगी। फिर मुझसे शिकायत मत करना।
रेटिंग्स: 3/5