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मैं नहीं हूं स्टार किड, मुझे मेरी दम पर मिली फिल्म: करण कपाड़िया

करण कपाड़िया ने कहा, मैं पर्सनली फिल्म स्कूल में भरोसा नहीं करता हूं। क्योंकि मैंने जो भी वहां से सीखा, फिल्म में कुछ भी अप्लाई नहीं किया है। मैं कोई मेथड एक्टर नहीं हूं, पर डायरेक्टर जिस तरह से चाहता है और उसके दिमाग में जो होता है उसके हिसाब से ढल जाता हूं। मैं हमेशा एक किरदार में घुस कर नहीं रह सकता।

मैं नहीं हूं स्टार किड, मुझे मेरी दम पर मिली फिल्म: करण कपाड़िया
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हाल ही में सनी देओल स्टारर फिल्म 'ब्लैंक’ का ट्रेलर रिलीज हुआ है। जिसे दर्शकों द्वारा खासा पसंद किया गया है। इस फिल्म से एक नया एक्टर अपनी किस्मत आजमा रहा है। इस नए चेहरे का नाम करण कपाड़िया है, जोकि डिंपल कपाड़िया के भतीजे और अक्षय कुमार के साले हैं। बावजूद इसके करण खुद को स्टार किड नहीं मानते। उनका मानना है कि यह फिल्म उन्हें उनके दम पर मिली है और इसमें परिवार या रिश्तेदार वालों का किसी का भी पैसा नहीं लगा है। बेहजाद खंबाटा द्वारा डायरेक्टेड यह फिल्म 3 मई को रिलीज होगी। रिलीज से पहले करण ने मुंबई लाइव से बातचीत की इस दौरान उन्होंने फिल्म और पर्सनल लाइफ से जुड़े सभी सवालों का बेबाकी से जवाब दिया।  


किरदार

करण कपाड़िया ने कहा फिल्म में मेरे किरदार का नाम हनीफ है और उसके सीने में बम लगा हुआ है, जो उसकी दिल की धड़कन से चलता है। बम निकालने की कोशिश की जाएगी तो वह फट जाएगा। उसका एक्सीडेंट होता है जिसमें याददाश्त चली जाती है, उसे पता नहीं रहता कि अब करना क्या है। एटीएस की टीम उसे ढूंढ़ने की कोशिश करती है। साथ ही इस किरदार के पास लड़ने की एक स्किल है जो उसे समझ में नहीं आता है कि यह कैसे आई है और करना क्या है। साथ ही इस किरदार की खाशियत और इंट्रेस्टिंग पार्ट यह है कि लोगों को पता नहीं है कि यह इनोसेंट हैं या अपराधी, सच में याददाश्त चली गई है या झूठी एक्टिंग कर रहा है। 


24 किलो घटाया वजन 

 

मैंने 11 साल की उम्र में ही निश्चय कर लिया था कि मैं एक्टर बनूंगा, इसलिए मुझे पता था कि कभी न कभी तो वजन घटाना ही पड़ेगा और 18-19 साल की उम्र में मैंने वजन घटाया। यह सब फिल्म मिलने से पहले ही हुआ।


फिल्म स्कूल में भरोसा नहीं

मैं पर्सनली फिल्म स्कूल में भरोसा नहीं करता हूं। क्योंकि मैंने जो भी वहां से सीखा, फिल्म में कुछ भी अप्लाई नहीं किया है। मैं कोई मेथड एक्टर नहीं हूं, पर डायरेक्टर जिस तरह से चाहता है और उसके दिमाग में जो होता है उसके हिसाब से ढल जाता हूं। मैं हमेशा एक किरदार में घुस कर नहीं रह सकता। सोचो अगर हनीफ के किरदार में रहता तो 2 साल तक रहता और लोग पागल हो जाते। मैं घर जाने के बाद कुछ नहीं सोचता सब भूल जाता हूं। 


मैं स्टार किड नहीं हूं


मैं खुद को एक स्टार किड जैसा कंसीडर नहीं करता हूं। 'ब्लैंक’ से पहले मुझे कोई नहीं जानता था। फिल्म से पहले न कोई फोटोग्राफी न इंटेरेक्शन कुछ भी नहीं हो रहा था। मेरी मां ने कैमरे के पीछे रहकर ही काम किया था साथ ही डैड मेरे दूसरे बिजनेस में थे। आज मुझे 'ब्लैंक' मेरे दम पर मिली है। इस फिल्म में मेरी फैमिली या रिश्तेदार किसी का भी पैसा नहीं लगा है।  


सबसे बड़ा दुख 

निश्चित ही मैं अपनी मां को बहुत याद करता हूं और मुझे सबसे बड़ा दुख यह है कि मैं उन्हें कभी बता ना सका कि मैं एक्टर बनना चाहता हूं। मैं हमेशा सोचता हूं कि यह सुनकर उनका क्या रिएक्शन क्या होता। उनके निधन के बाद ही मैंने फैमिली और रिश्तेदारों को बताया था कि मैं एक्टर बनना चाहता हूं। सनी सर (सनी देओल) के लिए मेरी मां (सिंपल कपाड़िया) ने फिल्मों में कॉस्ट्यूम डिजाइन किए थे। आज मैं उनके साथ फिल्म कर रहा हूं, यह देखकर मेरी मां निश्चित ही बहुत खुश होतीं। पर मैं जैसे कि पहले भी बता चुका हूं कि मैं किस्मत वाला हूं कि मेरी दो मां हैं। मेरी माैसी (डिंपल कपाड़िया) भी मेरी मां और दोस्त दोनो हैं। वे मेरे काम को देखती हैं। 


अक्षय कुमार और सनी देओल से सीख  


अगर एक्टिंग की बीत की जाए तो मैंने सनी और अक्षय सर से कुछ भी नहीं सीखा क्योंकि एक्टिंग को लेकर हर किसी का अप्रोच अलग होता है। बेसिक चीजें जरूर सीखीं, जैसे समय का पंचुअल होना, सुबह जल्दी उठना, अपने क्रू मेंमर के साथ व्यवहार अच्छा रखना। ये चीजें ऐसे तो बहुत छोटी लगती हैं पर असल में बहुत बड़ी होती हैं। यही आदतें आपको आगे ले जाने में सहायता करती हैं। आपने ही देखा होगा कि अक्षय सर की फिल्मों से ज्यादा लोग उनकी लाइफस्टाइल के बारे में बात करते हैं कि वे जल्दी उठते हैं, सेहत का ध्यान रखते हैं आदि।

Blank Trailer यहां देखें:


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