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विवादों में घिरी नवाजुद्दीन की ‘मंटो’

साहित्यकारों ने नंदिता और किताब पब्लिश करने वाली कम्पनी को आड़े हाथ लेकर सवाल किया है कि 'मंटो' बड़े हैं या फिल्म में उनकी भूमिका निभाने वाले अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी?

विवादों में घिरी नवाजुद्दीन की ‘मंटो’
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नवाजुद्दीन सिद्दकी स्टारर ‘मंटो’ जोकि फेमस लेखक सआदन हसन मंटो की बीयोपिक है, रिलीज के लिए तैयार है। पर उससे पहले यह फिल्म किताब के कवर को लेकर विवादों में घिर गई है।

‘मंटो’ की डायरेक्टर नंदिता दास ने 'मंटो' की 15 कहानियों का संकलन और संपादन कर एक किताब भी रिलीज की है। जोकि हिंदी और अंग्रेजी भाषा में है। इसके विवाद की वजह किताब का कवर पेज है। जिसमें रियल ‘मंटो’ की जगह रील यानी नवाजुद्दीन की तस्वीर छपी हुई है। हिंदी साहित्यकारों को यह बात बिल्कुल नहीं भा रही है। तमाम साहित्यकार इसे एक ईमानदार लेखक की हत्या कह रहे हैं।

साहित्यकारों ने नंदिता और किताब पब्लिश करने वाली कम्पनी को आड़े हाथ लेकर सवाल किया है कि 'मंटो' बड़े हैं या फिल्म में उनकी भूमिका निभाने वाले अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी?

'मंटो' की इस किताब का प्रकाशन फिल्म बनाने वाली कंपनी वायकॉम और किताब छापने वाली राजकमल प्रकाशन ने मिलकर किया है। 'मंटो' की किताब के कवर पर विवाद, मुंबई में 5 सितंबर को आयोजित फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग के बाद शुरू हुआ, जब नंदिता ने किताब की कुछ प्रतियां फिल्म के स्क्रीनिंग के दौरान लोगों को वितरित कीं।

अपने फेसबुक पर राजकमल प्रकाशन ने सफाई पेस करते हुए लिखा, आपके हमारे सबके ‘मंटो’ की लिखी तमाम कहानियों में से नंदिता दास की चुनी हुई 15 कहानियों के संकलन का प्रकाशन राजकमल से हुआ है, जिसे न अभी बाजार में उपलब्ध कराया गया है और न इसकी कोई औपचारिक घोषणा हुई है। मंटो फिल्म के स्पेशल स्क्रीनिंग के मौके पर इस किताब के कुछ सैम्पल प्रतियां मुंबई में 5 सितम्बर 2018 को जरूर वितरित हुई थीं जो अभी पूरी तरह तैयार नहीं थीं।


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