महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में कोरोना महामारी (corona pandemic) के चलते सख्त प्रतिबंध या लॉकडाउन लगाए गए हैं। इन प्रतिबंधों के कारण जॉब सेक्टर (job sector) में बहुत बड़ी क्षति हुई है। एक आंकड़े के मुताबिक करीब 75 लाख से अधिक लोगों को बेरोजगारी का सामना करना पड़ा है। यह आंकड़ा जारी किया है सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) ने।
CMIE के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक महेश व्यास ने PTI को बताया कि आने वाले वर्षों में रोजगार की स्थिति चुनौतीपूर्ण रहेगी। मार्च की तुलना में अप्रैल में 75 लाख लोगों ने अपनी नौकरी खो दी। जिससे बेरोजगारी की दर बढ़ी है।
केंद्र सरकार द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय बेरोजगारी दर (national unemployment ratio) 7.9 प्रतिशत तक पहुंच गई है। शहरी क्षेत्रों में यह 9.78 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों में 7.13 प्रतिशत है। इससे पहले मार्च में राष्ट्रीय बेरोजगारी दर 6.50 फीसदी थी। इसके अलावा, ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में बेरोजगारी दर कम थी।
पहले लॉकडाउन (lockdown) के समय, बेरोजगारी दर 24 प्रतिशत तक पहुंच गई थी। हालांकि व्यास ने आगे यह भी बताया कि मौजूदा स्थिति खराब नहीं है।
जबकि हाल तक Covid19 महामारी नियंत्रण में लग रहा था, लेकिन इस महामारी ने फिर से अचानक उग्र रूप धारण कर लिया। इसलिए कई राज्य सरकारों ने स्थानीय स्तर पर तालाबंदी या कड़े प्रतिबंध लगाने का फैसला किया। इससे कई व्यवसाय प्रभावित हुए और कई नौकरियों का नुकसान हुआ।