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राज्य में गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा के लिए 'किलकारी' योजना का शुभारंभ

आशा सेवकों के लिए मोबाइल अकादमी

राज्य में गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा के लिए 'किलकारी' योजना का शुभारंभ
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लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की ओर से गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा के लिए नई योजना 'किलकारी' और आशा सेविकाओं के लिए मोबाइल एकेडमी की आज से प्रदेश में शुरुआत की गई। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डाॅ. भारती पवार, केंद्रीय मंत्री डाॅ. एस। पी। सिंह बघेल, गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल की उपस्थिति में नई दिल्ली से टेलीविजन संचार प्रणाली के माध्यम से डाॅ. भारती पवार ने महाराष्ट्र और गुजरात राज्य के लिए यह योजना शुरू की। ('Kilkari' scheme launched for the safety of pregnant women in the state)

इस समय डाॅ. पवार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य पर जोर दिया है। उनकी प्रेरणा से यह योजना देश के 18 राज्यों में चल रही है, इससे महाराष्ट्र में लगभग 28 लाख तथा गुजरात राज्य में 22 लाख पंजीकृत गर्भवती माताएँ लाभान्वित होंगी। इस योजना के तहत गर्भवती महिला को अपने गांव की आशा सेविका के पास पंजीकरण कराना होता है। उन्होंने यह भी आग्रह किया कि सभी गर्भवती माताओं को पंजीकरण कराना चाहिए।

पंजीकृत गर्भवती मां को चौथे सप्ताह से बच्चे के एक वर्ष का होने तक दवा, आहार, टीकाकरण, मानसिक, शारीरिक स्थिति आदि के बारे में मोबाइल पर निःशुल्क और स्थानीय भाषा में मार्गदर्शन दिया जाएगा। "प्रसवपूर्व, प्रसवोत्तर, हर परिवार के साथ किलकारी" योजना का आदर्श वाक्य है।

इस अवसर पर आशा सेविका के कौशल को निखारने के लिए एक मोबाइल अकादमी का भी शुभारंभ किया गया। उसके माध्यम से राज्य की 85 हजार आशाओं को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जायेगा जो काम करने में उपयोगी होगा।

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