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महाराष्ट्र की अदालतों में 52 लाख मामले लंबित

मुंबई, ठाणे, पुणे और पालघर समेत नागपुर में पांच लाख से ज्यादा मामले

महाराष्ट्र की अदालतों में 52 लाख मामले लंबित
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मुंबई के साथ-साथ ठाणे, पुणे, पालघर और नागपुर जिलों में राज्य में सबसे अधिक लंबित आपराधिक मामले  हैं। इन जिलो मे प्रत्येक 5 लाख से अधिक मामले है।  जबकि गढ़चिरौली, भंडारा और सिंधुदुर्ग जिलों में सबसे कम लंबित आपराधिक मामले हैं। (52 lakh cases pending in Maharashtra courts)

जबकि राज्य भर के सभी जिलों की अदालतों में लंबित सिविल मामलों के मामले में, मुंबई के साथ-साथ ठाणे, पालघर, पुणे और अहमदनगर जिलों में सबसे अधिक संख्या डेढ़ लाख प्रत्येक है। जबकि गोंदिया, गढ़चिरौली और नंदुरबार जिलों में सिविल मामलों की संख्या सबसे कम है।

एबीपी माझा की एक रिपोर्ट के अनुसार बॉम्बे हाई कोर्ट ने राज्य में लंबित मामलों और मुकदमों की उचित निगरानी और उनका जल्द से जल्द निपटान सुनिश्चित करने के लिए 'चोरोप्लेथ मैप्स' की मदद से एक जिला स्तरीय योजना तैयार करने की सुविधा विकसित की है, जो जीआईएस प्रणाली पर आधारित है। साथ ही नेशनल ज्यूडिशियल डेटा ग्रिड (एनजेडीजी) के आंकड़ों के आधार पर साल 2022 तक राज्य की तस्वीर भी साफ है।

ठाणे, पुणे, नागपुर तीन जिलों में ऐसे करीब छह हजार मामले

'चोरोप्लेथ मैप्स' की मदद से जारी किए गए आंकड़े तीन दशकों से अधिक समय से लंबित आपराधिक मामलों की स्पष्ट तस्वीर भी प्रदान करते हैं। इसके मुताबिक, ठाणे, पुणे, नागपुर तीन जिलों में ऐसे करीब छह हजार मामले हैं। जबकि परभणी, हिंगोली, वाशिम और वर्धा जिलों में तीन दशकों से अधिक समय से लंबित एक भी मामले का रिकॉर्ड नहीं है।

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