साइबर अपराधों के खिलाफ तत्काल कदम उठाने के लिए राज्य में 837 करोड़ रुपये की साइबर सुरक्षा परियोजना लागू करने का निर्णय बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने की। इस परियोजना के कारण, नागरिक अब सप्ताह में 24 घंटे खुले रहने वाले कॉल सेंटर पर एक फोन के माध्यम से शिकायत दर्ज कर सकेंगे। (837 crore project for cyber security in Maharashtra)
अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग
शिकायत की जांच उन्नत साइबर तकनीक की मदद से की जाएगी, ताकि अपराध की जड़ तक पहुंचा जा सके, अपराध को उजागर किया जा सके और अपराध साबित कर सजा बढ़ाई जा सके। साइबर अपराध दुनिया में सबसे बड़े संगठित अपराध के रूप में उभरा है और अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करके इस समस्या से निपटने की आवश्यकता है।
राज्य में सभी स्तरों पर नागरिकों द्वारा नवीनतम तकनीक का उपयोग बढ़ रहा है और उन्हें विभिन्न प्रकार की साइबर धोखाधड़ी का भी सामना करना पड़ रहा है। वर्चुअल तरीके से अपराध करने के लिए साइबर तकनीक का उपयोग करने वाले अपराधियों की संख्या में वृद्धि हुई है।
साइबर अपराध की जटिल प्रकृति से निपटने के लिए इस खतरे से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए वर्तमान में उपलब्ध उपकरणों, संसाधनों और प्रौद्योगिकियों में आमूल-चूल सुधार और परिष्कार की आवश्यकता है। इस आवश्यकता को पहचानते हुए, राज्य के गृह विभाग ने साइबर अपराध पर अंकुश लगाने और राज्य को 'साइबर सुरक्षित' राज्य बनाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक, कुशल जनशक्ति और संसाधनों के साथ एक परियोजना की योजना बनाई है।
परियोजना की मुख्य विशेषताएं: विभिन्न नवीनतम उपकरणों और प्रौद्योगिकियों को एक छत के नीचे लाना। इसमें कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, टेक्नोलॉजी असिस्टेड इन्वेस्टिगेशन, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, सर्टिफिकेट महाराष्ट्र, क्लाउड बेस्ड डेटा सेंटर, सिक्योरिटी ऑपरेशन सेंटर शामिल होंगे।
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