मुंबई में कोरोना और ओमाइक्रोन (omicron) के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसलिए नागरिकों की सुरक्षा को देखते हुए बीएमसी हो गया है। ओमाइक्रोन के भविष्य के खतरे को देखते हुए बिना कोरोना लक्षण वाले मरीजों के लिए 40,000 बेड और झुग्गी बस्तियों में रहने वालों के लिए 30,000 बेड उपलब्ध कराने की तैयारी की गई है।
बीएमसी ने एक बार फिर कार्ययोजना तैयार की है। मुंबई में प्रतिबंधों में ढील दी गई क्योंकि कोरोना रोग के रोगियों की संख्या नियंत्रण में आ रही थी। लेकिन पिछले कुछ दिनों से संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। ओमाइक्रोन से प्रभावित लोगों की संख्या भी बढ़ रही है। इसमें और बढ़ोतरी की संभावना को देखते हुए बीएमसी ने कार्ययोजना तैयार की है।
हालांकि ओमाइक्रोन के मुंबई में पाए गए मरीजो में में हल्के लक्षण पाए गए हैं। इसलिए नगर निगम ने प्रभावितों के साथ-साथ उन मरीजों पर भी फोकस करने का फैसला किया है जिनमें लक्षण नहीं हैं।
इसके तहत नगर निगम के अस्पतालों और जंबो कोरोना केंद्रों में बिना लक्षण वाले मरीजों के लिए 40,000 बिस्तर आरक्षित किए जाएंगे। हालात के चलते मलिन बस्तियों में कोरोना के नियमों का पालन करना संभव नहीं है।
इसे ध्यान में रखते हुए पता चला है कि मलिन बस्तियों में कोरोना रोग या ओमेक्रोन के हल्के लक्षणों से पीड़ित लोगों के लिए 30,000 बिस्तर उपलब्ध कराए जाएंगे।