आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), जनरेटिव एआई, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOTS), ड्रोन, कंप्यूटर विजन, रोबोटिक्स और प्रेडिक्टिव एनालिटिक्स जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों की मदद से टिकाऊ और स्केलेबल समाधान लागू किए जाएंगे। इससे राज्य में एग्रीस्टैक, महा-एग्रीस्टैक, महावेध, क्रॉपसैप, एग्मार्कनेट, डिजिटल शेटीशाला, महा-डीबीटी जैसी परियोजनाओं को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। (AI will now be used for farming in Maharashtra)
तीन स्तरीय प्रशासनिक ढांचा
इस नीति के कार्यान्वयन के लिए तीन स्तरीय प्रशासनिक ढांचा होगा। इस नीति के कार्यान्वयन के लिए पहले तीन वर्षों के लिए 500 करोड़ रुपये का कोष उपलब्ध कराया जाएगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) क्षेत्र तेजी से बदल रहा है। इसलिए अगले पांच वर्षों में इस नीति में आवश्यक परिवर्तन/संशोधन किए जाएंगे। इसके लिए राज्य स्तरीय संचालन समिति, राज्य स्तरीय तकनीकी समिति, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और एग्रीटेक इनोवेशन सेंटर, कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत कृषि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अनुसंधान और नवाचार केंद्र काम करेंगे।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल
इस नीति के माध्यम से राज्य में कृषि क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और नवाचार के लिए एक अग्रणी केंद्र बनाया जाएगा। यह नीति आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक के “किसान-केंद्रित उपयोग”, अनुसंधान, डेटा एक्सचेंज को बढ़ाएगी, स्टार्ट-अप का समर्थन करेगी और इससे महाराष्ट्र को डिजिटल कृषि नवाचार में अग्रणी बनाने की उम्मीद है।
एग्रीटेक इनोवेशन सेंटर
यह नीति स्टार्टअप, निजी कंपनियों/प्रौद्योगिकी कंपनियों, कृषि विश्वविद्यालयों, अनुसंधान संस्थानों, कृषि विज्ञान केंद्रों, निजी संस्थानों, किसानों/किसान उत्पादक संगठनों आदि को एआई और उभरती प्रौद्योगिकियों के ‘किसान-केंद्रित’ उपयोग को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगी। इससे एक एआई और एग्रीटेक इनोवेशन सेंटर को संस्थागत रूप दिया जाएगा।
यह केंद्र इस नीति के वास्तविक कार्यान्वयन के लिए एक स्वतंत्र, पूर्णकालिक कार्यान्वयन तंत्र के रूप में कार्य करेगा। यह तंत्र नीति के अंतर्गत विभिन्न पहलुओं पर काम करेगा जैसे राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ साझेदारी, नवाचारों को बढ़ावा देना। आईआईटी/आईआईएससी जैसे संस्थानों के मार्गदर्शन में राज्य के चार कृषि विश्वविद्यालयों में एग्री-एआई इनोवेशन एवं इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित किए जाएंगे।
यह भी पढ़े- ‘एसटी पास सीधे आपके स्कूल में’ – मंत्री प्रताप सरनाईक