महायुती सरकार की महत्वाकांक्षी 'मुख्यमंत्री लड़की बहिन योजना' के कार्यान्वयन के दौरान बैंक कर्मचारियों पर हमले शुरू होने पर सेंट्रल बैंक कर्मचारी संघ ने आंदोलन का हथियार उठा लिया है। 21 तारीख से कर्मचारी संघ ने अलग-अलग स्तर पर विरोध प्रदर्शन कर इस मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करने का फैसला किया है और इसके चलते चुनाव के दौरान बैंक हड़ताल की भी आशंका है।
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (UFBU) ने दावा किया है कि कर्मचारियों की पिटाई की अब तक कम से कम 12 घटनाएं हो चुकी हैं। इसके विरोध में कर्मचारी 15 से 22 अक्टूबर तक नियमित घंटों से ज्यादा काम नहीं करेंगे। 21 से 25 अक्टूबर तक विरोध चिन्ह प्रदर्शित किये जायेंगे।
25 अक्टूबर को आजाद मैदान में आंदोलन किया जाएगा और 14 नवंबर को प्रमुख शहरों में कर्मचारी मोमबत्ती जुलूस निकाला जाएगा। 'यूएफबीयू' के संयोजक देवीदास तुलजापुरकर ने कहा कि 15 नवंबर को सभी प्रमुख शहरों में विरोध प्रदर्शन और 16 नवंबर को हड़ताल होगी।
क्या कहता है संगठन?
'लड़की बहिन' योजना की मासिक राशि खातों में जमा होने के बाद, छोटे संदेशों, एटीएम कार्ड के सेवा शुल्क स्वचालित रूप से काटे जा रहे हैं। इसके चलते खाताधारकों और बैंक कर्मचारियों के बीच बड़े विवाद उत्पन्न हो रहे हैं। संगठन का कहना है कि सरकार की ओर से योजना और संचार की कमी है।
बैंक कर्मियों में डर का माहौल है और आरोप है कि स्थानीय नेता भी बदसलूकी, गाली-गलौज, मारपीट और धमकी दे रहे हैं।
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