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पवई मजूदर हादसा : बीएमसी कमिश्नर और ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने की उठी मांग


पवई मजूदर हादसा : बीएमसी कमिश्नर और ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने की उठी मांग
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 कुछ दिन पहले पवई में ड्रेनेज लाइन का काम कर रहे चार मजदूरों पर करें गिर जाने से उनकी मौत हो गयी थी। अब इस मामले में क्रेन चालक पर केस दर्ज किया गया है, लेकिन इस मामले में अब राजनीति भी होने लगी है। बीजेपी का कहना है कि इस घटना के लिए बीएमसी सहित ठेकेदार भी जिम्मेदार है। इसीलिए बीएमसी कमिश्नर के साथ साथ ठेकेदार पर भी मुकदमा दर्ज होना चाहिये।


क्या था मामला ?

कुछ दिन पहले मुंबई सहित उपनगरीय के कई इलाके में भी मल निकासी काम के लिए ठेका दिया गया था. पवई इलाके में यह ठेका मिशिगन कंपनी के पास था. जब कुछ लोग मल निकासी के लिए गड्ढा खोद रहे थे तभी क्रेन का वायट टूट गया और क्रेन का बकेट नीचे आ गिरा, जिसकी चपेट में 5 मजदुर आ गए. जिसमें तीन की मौत और दो घायल हो गए थे.


दर्ज हो केस- बीजेपी 

बीएमसी में बीजेपी के गुट नेता मनोज कोटक ने कहा कि इन मामलों में क्रेन चालक पर तो केस रजिस्टर्ड किया जाता है लेकिन ठेकेदार बच निकलते हैं इसीलिए उप भी कार्रवाई कर केस रजिस्टर्ड होना चाहिए। कोटक ने बीएमसी पर कंपनी को बचाने का आरोप लगाया। घटना के बाद इस कंपनी को काम रोकने को कहा गया और कंपनी को को कारण बताओ नोटिस भेजा गया था। लेकिन बावजूद इसके कुछ भी कार्रवाई नहीं हुयी। कोटक ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन एक तरह से ठेकेदार को बचाने का काम कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि इस काम के लिए ठेका बीएमसी कमिश्नर ने कंपनी के साथ किया था। इसीलिए इस मामले में दोनों दोषी हैं, इनके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।

कंपनी को किया जाए ब्लैक लिस्ट - कांग्रेस 

इस दुर्घटना के बाद मृतकों के परिजनों को मात्र 60 हजार रूपये का मुआवजा दिया गया था। इस मुद्दे पर कांग्रेसी नेता और बीएमसी के विरोधी पक्ष नेता रवि राजा ने कहा कि मृतकों की जान की कीमत मात्र 60 हजार है। रवि राजा ने मांग की कि इस कम्पनी को ब्लैक लिस्ट किया जाये।



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