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ब्लैक लिस्टेड ठेकेदारों का कारनामा, दूसरी कंपनियां बनाकर आवेदन


ब्लैक लिस्टेड ठेकेदारों का कारनामा, दूसरी कंपनियां बनाकर आवेदन
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नाला सफाई कार्य में भ्रष्टाचार का खुलासा होने के बाद 32 ठेकेदारों में से 23 ठेका कंपनियों को ब्लैक लिस्टेड करते हुए उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया। जिससे ब्लैक लिस्टेड कंपनियों को आगामी पांच वर्ष तक किसी निविदा में भाग लेने की अनुमति नहीं होती। बावजूद इसके एक ब्लैक लिस्टेड कंपनी द्वारा नाम बदलकर नाला सफाई का ठेका लेने का प्रयत्न करने का मामला सामने आया है।

2007-18 में मध्यवर्ती यंत्रणा की तरफ से एच/पूर्व विभाग में मिठी नदी चेनेज 1280 मीटर तक चेनेजर 3500 मीटर मतलब धारावी पुल से प्रेमनगर आऊटफॉल तक कीचड़ निकालने के लिए महापालिका द्वारा मांगी गई निविदा में वी-टेक इंजीनियर्स, एस.एन.बी.इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड,एम. बी.ब्रदर्स,अनास इन्फ्रा ठेका कंपनियों ने हिस्सा लिया था। जिसमें सबसे कम बोली अर्थात अंदाजित खर्च की अपेक्षा 13.50 फीसदी कम दर की बोली लगाकर वी-टेक इंजीनियर्स को कार्य का ठेका मिला, लेकिन वी-टेक इंजीनियर्स कंपनी के अधिकृत ज्वाइंट होल्डर (स्वाक्षरीकार) विजय वाघानी हैं और महापालिका के पहले चरण में जिन तीन कंपनियों को ब्लैक लिस्टेड किया गया था, उसमें से नरेश ट्रेडर्स कंपनी के अधिकृत स्वाक्षरीकार विजय वाघानी ही हैं।
इस बात को ध्यान में रखते हुए महापालिका प्रशासन के विधि विभाग ने वी-टेक इंजीनियर्स कंपनी के अधिकृत स्वाक्षरीकार विजय वाघानी की ब्लैक लिस्टेड सूची में होने वाली नरेश ट्रेडर्स कंपनी के अधिकृत स्वाक्षरीकार होने के चलते उन्हें तकनीकी दृष्टी से ब्लैक लिस्टेड ही माना। जिससे वे अगले 5 वर्ष तक महापलिका में किसी निविदा प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सकते थे, जिसे देखते हुए दूसरे नंबर की कंपनी एस.एन.बी.इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड को पात्र ठहराया गया।

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