मुंबई के 321 मैदानों की देखभाल करने के लिए ठेके की मियाद खत्म होने के बाद अब नए ठेकेदारों की नियुक्ति का प्रस्ताव बीएमसी की स्थाई समिती के पास भेजा है। इस प्रस्ताव को पास कराने के लिए बीएमसी के अधिकारियों ने अपना पूरा जोर लगा दिया है। लेकिन स्थाई समिति के सदस्यों का कहना है की तीन साल में मुंबई के मैदानों की देखभाल करने के नाम पर करोड़ो रुपये खर्च किए गए है ,लेकिन अभी भी सभी मैदान की हालत खस्ता है। इसे लेकर अब विरोधक भी काफी आक्रामक हो गए है।
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मुंबई लाइव ने पहले ही छापी थी खबर
मुंबई लाइव ने पहले ही खबर छापी थी की किस तरह ठेकेदारों की नियुक्ति और उन्हे मैदानों के रखरखाव के लिए करोड़ो रुपये देने के बाद भी मैदानों की हालत काफी खराब है। इतना ही नही, कई ठेकेदारो ने बीएमसी के साथ धोखाधड़ी भी की है। वैभव और कपूर ट्रेंडिग के एक ही मालिक है और दोनों कंपनियों ने काम करते सयम बीएमसी को धोखा दिया है।
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इसके अलावा एम-पूर्व भाग में जीएसटी के पहले राजदीप नाम की जिस कंपनी ने कम बोली लगाई थी, उस कंपनी ने आगे किसी भी बोली में हिस्सा नहीं लिया। लेकिन उसी कंपनी से जुड़ी वैभव कंपनी ने इस जगह पर अधिक बोली लगाने के बाद भी काम मिला। एक ही कंपनी से जुड़ी दूसरी कंपनी को काम देने के कारण बीएमसी के साथ धोखाधड़ी हुई और इसके कारण उद्यान अधिक्षक जितेंद्र परदेशी और अतिरिक्त आयुक्त विजय सिंघल के सामने इस बात को रखने के बाद भी उन्होन इस नजरअंदाज किया।
बीएमसी में विरोधी पक्ष नेता रवि राजा ने इस प्रस्ताव पर काफी सवाल खड़े किये है। जिसके बाद स्थाई समिति के कई सदस्यों ने इस प्रस्ताव पर सवाल खड़े किए जिसके बाद स्थाई समिति अध्यक्ष रमेश कोरगावकर ने इस प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
उद्यान विभाग के तीन सालों का खर्च
साल | खर्च |
---|---|
2014-15 | 70 करोड़ रुपये |
2015 - 16 | 75.71 करोड़ |
2016 - 17 | 100 करोड़ |
2017-18 | 131.94 करोड़ |
उद्यान विभाग का तीन साल में विकास कार्यों पर किया गया खर्च
साल | खर्च |
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2014-15 | 94 करोड़ |
2015-16 | 235.83 करोड़ |
2016 - 17 | 288.43 करोड़ |
2017-18 | 301.32 करोड़ |