कोरोना (Coronavirus) के कारण पैदा हुई संक्रामक स्थिति को देखते हुए, राज्य सरकार ने इस साल नवरात्रि (navratri), दुर्गा पूजा (durga pooja) और दशहरा (dussehra) कैसे मनाया जाए, इस पर एक बड़ा फैसला लिया है। इस संबंध में राज्य सरकार की तरफ से दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।
विशेष रूप से, इस साल गरबा, डांडिया कार्यक्रम पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। हालांकि, दशहरे के दिन, रावण का अंतिम संस्कार किया जाएगा। लेकिन भीड़ जुटने में पाबंदी होगी। साथ ही सोशल डिस्टेंस के नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा।
क्या हैं दिशानिर्देश ...
1) सार्वजनिक नवरात्रि त्योहार के लिए, मंडलों को नियमानुसार नगर निगम / स्थानीय प्रशासन से पूर्व अनुमति लेने की आवश्यकता होगी।
2) कोविड -19 के कारण होने वाली महामारी की स्थिति को देखते हुए, सीमित रुुप मेंं ही मंडप स्थापित किया जाना चाहिए।
3) इस साल के नवरात्रि त्योहार को सादगी और घरेलू तरीक़े से मनाया जाना होगा। देवी की मूर्ति अधिक ऊंची नहीं होनी चाहिए, मूर्ति को उसी के अनुसार सजाया जाना चाहिए।
4) देवी की मूर्ति की ऊंचाई सार्वजनिक मंडलों के लिए 4 फीट और घरेलू देवी की मूर्ति की ऊंचाई 2 फीट से अधिक नहीं होनी चाहिए।
5) यदि संभव हो तो, पारंपरिक मूर्ति के बजाय, घर की मूर्ति अथवा धातु / संगमरमर की हो तो अधिक अच्छा। यदि मूर्ति पर्यावरण के अनुकूल है, हैै तो इसे घर अथवा बिल्डिंग के आसपास ही विसर्जित करें।
6) यदि घर पर विसर्जन संभव नहीं है, तो स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय करके कृत्रिम विसर्जन स्थल पर विसर्जन की व्यवस्था किया जाना चाहिए।
7) गरबा, डांडिया और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन नहीं होगा। इसके बजाय स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियों / शिविरों (जैसे रक्तदान) के आयोजन को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
8) आरती, भजन, कीर्तन या अन्य धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन करते समय, कोई भीड़ नहीं होनी चाहिए, और ध्वनि प्रदूषण के बारे में नियमों और प्रावधानों का पालन किया जाना चाहिए।
9) केबल नेटवर्क, वेबसाइट और फेसबुक आदि के माध्यम से देवी के दर्शन को ऑनलाइन उपलब्ध कराने के लिए अधिकतम व्यवस्था की जानी चाहिए।
10) देवी के मंडपों में नसबंदी और थर्मल स्क्रीनिंग के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जानी चाहिए।
11) जो भक्त दर्शन करके आना चाहते हैं, उन्हें सामाजिक दूरी का पालन करना चाहिए। मास्क, सैनिटाइज़र इत्यादि का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए।
12) देवी का आगमन, विसर्जन जुलूस नहीं निकालना चाहिए। विसर्जन की पारंपरिक विधि में, विसर्जन के स्थान पर की जाने वाली आरती घर पर की जानी चाहिए और विसर्जन के स्थान पर कम से कम भीड़ होना चाहिए। बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों को सुरक्षा कारणों से विसर्जन स्थल पर जाने से बचना चाहिए।